बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Saran Singh) की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने बृजभूषण शरण सिंह पर गलत खबर प्रसारित करवाने का आरोप लगाया है. पूनिया ने कहा है कि बृजभूषण झूठे नैरेटिव चलवाकर महिला पहलवानों को परेशान कर रहे हैं.
'पहलवानों को परेशान किया जा रहा'
पहलवान बजरंग पूनिया ने शुक्रवार (9 जून) को ट्वीट कर लिखा,"महिला पहलवान पुलिस इन्वेस्टीगेशन के लिए क्राइम साईट पर गयीं लेकिन मीडिया में चलाया कि वे समझौता करने गई हैं. बृजभूषण की यही ताकत है. वह बाहुबल, राजनीतिक ताकत और झूठे नैरेटिव चलवाकर महिला पहलवानों को परेशान कर रहा है."
'बृजभूषण की गिरफ्तारी जरूरी'
बजरंग पूनिया ने इसके साथ ही एक बार फिर बीजेपी सांसद की गिरफ्तारी की मांग की और आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस पहलवानों को तोड़ने की कोशिश कर रही है. पूनिया ने ट्वीट में आगे लिखा,"उसकी गिरफ्तारी जरूरी है. पुलिस की हमें तोड़ने की कोशिश है."
'समझौते की बात गलत'
वहीं, विनेश फोगाट ने भी महिला पहलवानों को परेशान करने का आरोप लगाया. उन्होंने ट्वीट कर लिखा,"बृजभूषण की यही ताकत है. वह अपने बाहुबल, राजनीतिक ताकत और झूठे नैरेटिव चलवाकर महिला पहलवानों को परेशान करने में लगा हुआ है, इसलिए उसकी गिरफ्तारी जरूरी है. पुलिस हमें तोड़ने की बजाए उसको गिरफ्तार कर ले तो इंसाफ की उम्मीद हैं वरना नहीं. महिला पहलवान पुलिस इन्वेस्टीगेशन के लिए क्राइम साईट पर गयीं थीं लेकिन मीडिया में चलाया गया कि वे समझौता करने गई हैं."
क्राइम सीन को रिक्रिट करने गई पुलिस
इससे पहले दिल्ली पुलिस क्राइम सीन को रिक्रिट करने के लिए महिला पहलवानों के को लेकर WFI ऑफिस पहुंची. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, WFI ऑफिस में पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय रेफरी जगबीर सिंह से भी बयान लिया.
क्विंट हिंदी से बातचीत में पहलवान बजरंग पूनिया ने बताया कि हम लोगों (विनेश, साक्षी और संगीता) में से कोई नहीं गया था. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने कुछ महिला पहलवानों को ये कहते हुए बृजभूषण सिंह के यहां ले गई थी कि सीन री-क्रिएट करना है."
बृजभूषण और दिल्ली पुलिस हमें तोड़ने की कोशिश कर रही है. हम बताना चाहते हैं कि हम एकजुट हैं और पीछे हटने वाले नहीं हैं, जबतक कि हमें न्याय नहीं मिल जाताबजरंग पूनिया
बृजभूषण शरण सिंह पर दो केस दर्ज
दरअसल, पहलवानों ने बीजेपी सांसद के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये हैं. उनकी मांग है कि बृजभूषण शरण सिंह को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाये.
SIT अगले हफ्ते पेश करेगी जांच रिपोर्ट!
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ दो मामले दर्ज किये हैं. जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस की SIT अगले हफ्ते तक अदालत में जांच रिपोर्ट पेश कर सकती है.
दिल्ली पुलिस ने बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ मामले में अब तक 208 लोगों से पूछताछ की है. साथ ही, कॉल डिटेल रिकॉर्ड की भी जांच की जा रही है.
शाह-ठाकुर से मिले पहलवान
वहीं, कुछ दिन पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने आवास पर पहलवानों से मुलाकात की थी और उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया था. इसके बाद पहलवान खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से भी मिले थे, जिसके बाद उन्होंने (पहलवानों) ने अपने आंदोलन को 15 जून तक के लिए स्थगित कर दिया था.
अनुराग ठाकुर के साथ हुई बैठक के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत भी मौजूद थे. इस दौरान पहलवानों ने मंत्री के सामने अपनी मांग रखी, जिस पर कार्रवाई का आश्वासन उन्हें दिया गया.
पहलवानों की क्या मांग?
BBC की रिपोर्ट के अनुसार, पहलवानों ने 15 जून तक जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल करने को कहा.
WFI का चुनाव 30 जून तक किया जाए.
इंटरनल कंम्पलेंट (आंतरिक शिकायत) कमेटी रेसलिंग फेडरेशन की बनाई जाए.
कमेटी की अध्यक्षता कोई महिला करे.
WFI के चुनाव नहीं होने तक, IOA की एडहॉक कमेटी के लिए दो कोच का नाम प्रस्तावित किया गया.
IOA की ए़डहॉक कमेटी में दो कोच को रखा जाए.
चुनाव के बाद WFI ठीक तरह से चले इसके लिए खिलाड़ियों से राय ली जाए.
बृजभूषण शरण सिंह और उनसे जुड़े लोग चुनकर WFI में न आएं.
महिला खिलाड़ियों को सुरक्षा मिले.
अखाड़ों, कोच और खिलाड़ियों के खिलाफ मुकदमे वापस लिए जाएं.
कैसे हुई आंदोलन की शुरुआत?
इस पूरे मामले की शुरुआत 18, जनवरी 2023 को हुई. विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर आवाज उठाई और बृज भूषण शरण सिंह पर कई गंभीर लगाए.
इन आरोपों में बुनियादी सुविधाओं की कमी, वित्तीय अनियमितताएं, खिलाड़ियों के साथ बुरा बर्ताव और मनमाना रवैया शामिल था, लेकिन सबसे गंभीर आरोप यौन शोषण से जुड़े थे.
पांच सदस्यी जांच कमेटी बनायी गई थी
इस मामले में तब खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से मुलाकात की थी और 23 जनवरी को जांच के लिए पांच सदस्यीय निरीक्षण कमेटी बनाई थी.
36 दिन तक चला पहलवानों का आंदोलन
इसके बाद, फिर 23 अप्रैल को दूसरी बार पहलवानों ने जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया. करीब 36 तक चले आंदोलन के बाद पहलवानों ने अपना प्रदर्शन समाप्त किया था.
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