प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को पश्चिम बंगाल और ओडिशा राज्यों के दौरे पर जाएंगे. इस दौरे पर पीएम चक्रवाती तूफान यास के असर का मुआयना करेंगे. प्रधानमंत्री अपने दौरे में सबसे पहले भुवनेश्वर पहुंचेंगे, जहां पर वो रिव्यू बैठक करेंगे. इसके बाद वो प्रभावित इलाकों बालासोर, भद्रक और पूर्बा मेदिनिपुर का एरियल सर्वे करेंगे. इसके बाद पीएम बंगाल पहुंचकर रिव्यू मीटिंग करेंगे.
बता दें कि चक्रवाती तूफान यास ने 26 मई को ओडिशा के धर्मा पोर्ट पर लैंडफॉल किया. जिस वक्त लैंडफॉल हुआ तब हवाओं की गति 130-140 किमी प्रतिघंटा थी.
1 करोड़ लोगों पर हुआ असर: सीएम ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि कम से कम 1 करोड़ लोग पर इस तूफान का असर हुआ है और 3 लाख घरों को नुकसान पहुंचा है. सीएम ममता ने कहा तूफान के मद्देनजर 15,04,506 लोगों को तटीय इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थान पर लाया गया था.
बंगाल और ओडिशा के ये जिले हुए प्रभावित
चक्रवाती तूफान यास से पश्चिम बंगाल के ईस्ट मेदिनीपुर, वेस्ट मेदिनीपुर, बांकुरा, साउथ चौबीस परगना, झारग्राम जिले प्रभावित हुए हैं. वहीं ओडिशा के बालासोर, भद्रक, जगतसिंगपुर, केंद्रापारा, जयपुर, केयोंझर और मयूरभंझ जिले प्रभावित हुए हैं.
झारखंड में तूफान से 8 लाख लोग प्रभावित
झारखंड में भी यास तूफान का भयानक असर हुआ है. करीब 8 लाख लोग तूफान से प्रभावित हुए हैं. बोकारो में बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई. करीब 15000 लोगों को निकालकर सुरक्षित ठिकानों पर लाया गया. फिलहाल अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
NDRF का बड़ा रेस्क्यू अभियान जारी
NDRF ने राहत और बचाव कार्य के लिए बड़ा अभियान चलाया हुआ है. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने भीषण चक्रवाती तूफान यास से निपटने और तैयारियों के मद्देनजर पांच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में 113 टीमों को तैनात किया है. बचाव अभियान के लिए इस तरह की यह अब तक की सबसे बड़ी तैनाती है. इन टीमों को पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु तथा अंडमान और निकोबार द्वीप में तैनात किया गया है.
एनडीआरएफ के बयान में कहा गया है, बचाव अभियान अभी भी जारी है क्योंकि चक्रवात की चपेट में आने के बाद बड़ी संख्या में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए हैं. तैनात टीमें संचार लाइनों को क्लीयर रखने के लिए उन्हें सड़कों से हटा रही हैं और अभी भी यह प्रक्रिया जारी है. बचाव दल क्षेत्रों में सामान्य स्थिति लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.
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