ADVERTISEMENTREMOVE AD

यमुना मामला:NGT ने केंद्र और दिल्ली सरकार पर लगाया 50,000 जुर्माना

फैक्ट्रियों से निकलने वाले कचड़े और नालों के कारण यमुना बहुत प्रदूषित हो चुकी है. 

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने यमुना नदी की साफ-सफाई को लेकर स्टेटस रिपोर्ट नहीं सबमिट करने पर केंद्र और दिल्ली सरकार पर जुर्माना लगाया है. एनजीटी ने दोनों पर ही 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

एनजीटी के अध्यक्ष स्वतंत्र कुमार ने यह आदेश उस वक्त पारित किया, जब पर्यावरण मंत्रालय और दिल्ली सरकार के वकील एनजीटी कोर्ट में हाजिर नहीं हुए. दोनों की तरफ से कोई भी स्टेटस रिपोर्ट रिकॉर्ड पर नहीं रखी गई.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

एनजीटी कोर्ट की बेंच ने कहा:

एनसीटी दिल्ली और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की तरफ से कोई मौजूद नहीं है. उनकी ओर से कोई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई है. 8 अगस्त 2017 के हमारे आदेश पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत थी. इन दोनों को जुर्माने के तौर पर 50,000 रुपये देने होंगे. इस मामले के एक हफ्ते में निपटारे के लिए इसे लिस्‍टेड करें.

इस मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी.

एनजीटी ने पहले हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से कहा था कि वे यमुना नदी के साफ-सफाई और पुनर्जीवन पर तीन हफ्ते के अंदर डिटेल रिपोर्ट सौंपें. एनजीटी ने कहा था कि यमुना में प्रदूषण गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि फैक्ट्रियों से निकलने वाला कचड़े और नालों के कारण यह बहुत प्रदूषित हो चुकी है.

यमुना में कचरा फेंकने पर 5000 रुपये फाइन

एनजीटी ने पहले ही यमुना के डूब क्षेत्र में कचड़ा फेंकने और खुले में शौच करने पर पाबंदी लगा दी थी. आदेश का उल्लंघन करते पाए जाने पर दोषी व्यक्ति पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाने की बात कही गई थी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×