ADVERTISEMENTREMOVE AD

यशवंत सिन्हा के राष्ट्र मंच की मांग- साल के अंत तक J&K राज्य का दर्जा बहाल करें

केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को, जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया था.

Updated
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के राष्ट्र मंच ने मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में साल के अंत तक जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की घोषणा करनी चाहिए.

एक बयान में, मंच ने कहा कि वो 5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार की "संदिग्ध कार्रवाइयों" के बाद की स्थिति पर गंभीरता से चिंतित है, जब सरकार ने संविधान के आर्टिकल 370 के प्रावधानों को रद्द कर दिया, जो जम्मू और कश्मीर को एक विशेष राज्य का दर्जा देता था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को, जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू-कश्मीर, और लद्दाख में विभाजित कर दिया था.

राष्ट्र मंच ने बयान कहा कि सरकार के इन कार्यों, और जिस अलोकतांत्रिक तरीके से इसे हटाया गया, से जम्मू-कश्मीर के लोगों के मन में गहरी चोट, अपमान और विश्वासघात की भावना पैदा हुई है. मंच ने कहा कि मोदी सरकार ने ये फैसले लोगों से बिना किसी परामर्श के लिए, जो अपने चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ लोकतंत्र में प्रमुख हितधारक हैं.

"कश्मीर में राजनीतिक दलों के सभी नेताओं को लंबे समय तक हिरासत में रखा गया, जैसे कि वो राष्ट्र-विरोधी और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा हों. आज भी आम लोग और उनके प्रतिनिधि बैठकें आयोजित करने या अपने विचार खुलकर व्यक्त करने के अपने मूल अधिकारों का प्रयोग करने में असमर्थ हैं. हम इस स्थिति को स्वतंत्र और लोकतांत्रिक भारत में अस्वीकार्य मानते हैं."
राष्ट्र मंच
0

मंच ने आगे कहा कि नए निवेश को आकर्षित करने और विकास में तेजी लाने के वादे को पूरा करना तो दूर, मोदी सरकार के कार्यों से जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है. लाखों युवाओं का रोजगार छिन गया है और युवाओं में आत्महत्याओं में चिंताजनक वृद्धि हुई है.

राष्ट्र मंच ने मांग की, "कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस के भाषण में साल के अंत तक, जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की घोषणा करें. पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होने के बाद जल्द ही स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए जाएंगे. जम्मू और कश्मीर में परिसीमन स्थगित कर दिया जाएगा और भारत के अन्य राज्यों के साथ आयोजित किया जाएगा. जम्मू और कश्मीर के डेमोग्राफिक प्रोफाइल को बदलने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाएगा."

मंच ने "अलगाववाद और सांप्रदायिक राजनीति" को आम दुश्मन बताया और कहा कि इससे एक साथ लड़ा जाना चाहिए.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×