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‘अभी वाकई हिंदू खतरे में’- यस बैंक संकट पर महाराष्ट्र कांग्रेस

यस बैंक से प्रतिदिन निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय कर दी गई है

Published
भारत
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यस बैंक पर छाए संकट को लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस के एक नेता ने अजीबो-गरीब बयान दिया है. महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि मोदी सरकार के राज में हिंदू सही मायनों में खतरे में हैं, क्योंकि यस बैंक के ज्यादातर खाताधारकों में हिंदू धर्म के लोग हैं.

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सावंत ने जगन्नाथ पुरी धाम का जिक्र करते हुए कहा- “केंद्र सरकार की निगाहों के नीचे तो भगवान भी खतरे में हैं.”

यस बैंक संकट सामने आने के बाद ये खबर आई थी कि जगन्नाथ धाम के 545 करोड़ रुपये यस बैंक में जमा हैं.

RBI ने यस बैंक पर तमाम अंकुश लगाते हुए बैंक के जमाकर्ताओं के लिए 3 अप्रैल तक निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय की है. RBI ने बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया. SBI के पूर्व उप प्रबंध निदेशक और मुख्य वित्त अधिकारी प्रशांत कुमार को बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है.

यस बैंक और उसके खाताधारकों के मौजूदा हाल पर बोलते हुए महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा-

“बीजेपी और उसकी साथी पार्टी ध्रुवीकरण की घटिया राजनीति के लिए कहती रहती हैं कि ‘हिंदू खतरे में हैं’, लेकिन मोदी सरकार के तहत हिंदू असल में खतरे में हैं. बैंक में जो पैसा है वो बहुसंख्यक हिंदुओं का है, जो अब असुरक्षित है. कई परिवार बर्बाद हो गए हैं. सिर्फ मोदी सरकार इसके लिए जिम्मेदार है.”

सावंत ने पीएमसी बैंक घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान तो कई सारे लोगों की मौत भी हुई थी. इसके साथ ही सावंत ने कहा कि नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे भगोड़े देश के बहुसंख्यक हिंदुओं का पैसा लूट कर भाग गए.

सावंत यहीं नहीं रुके औरये दावा तक कर डाला कि यस बैंक के 18,238 कर्मचारियों में से लगभग सभी हिंदू हैं और उनकी नौकरी खतरे में है.

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