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Yes बैंक प्रशासक प्रशांत बोले-14 मार्च तक हटाए जा सकते हैं बैन

ये खबर उन लाखों लोगों के लिए उम्मीद जैसी है जिनके पैसे Yes बैंक में डिपॉजिट हैं.

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RBI ने संकट से गुजर रहे प्राइवेट सेक्टर के Yes बैंक के लिए प्रशांत कुमार को प्रशासक नियुक्‍त किया गया है. अब प्रशांत कुमार ने 9 मार्च को ब्लूमबर्गक्विंट से बातचीत में कहा है कि RBI ने यस बैंक पर जो मोरेटोरियम लगाया है, वो इस शनिवार 14 मार्च तक हट सकता है. मतलब कि बैंक पर जो प्रतिबंध लगे हैं उन्हें कुछ हद तक हटाया जा सकता है.

ये यस बैंक के खाताधारकों के लिए राहत की खबर हो सकती है. बैंक पर संकट की खबर के बाद से ही कस्टमर अपने डिपॉजिट को लेकर परेशान हैं.

यहां देखिए प्रशांत कुमार से खास बातचीत

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जब से बैंक पर बैन लगा है तब से ये खाताधारक परेशान हैं, कैश निकालने के लिए यस बैंक की एटीएम मशीनों के बाहर खाताधारकों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही है .

प्रशांत कुमार ने एक बार फिर दोहराया कि डिपॉजिटर्स के पैसे सेफ हैं. ये बात खुद वित्त मंत्री भी कह चुकी हैं. कुमार ने कहा कि बैंक के लिए जितने भी कैपिटल की जरूरत होगी उसके लिए लगातार काम किया जा रहा है. SBI से 49 फीसदी तक का ही कॉन्ट्रीब्यूशन लिया जा सकता है ऐसे में जरूरत पड़ने पर मार्केट से भी पूंजी इकट्ठा किया जा सकता है.

अपने नए अवतार में Yes बैंक बेहद मजबूत होगा.
प्रशांत कुमार

राणा कपूर पर कसता जा रहा है शिकंजा

बता दें कि ताजा अपडेट के मुताबिक, CBI ने Yes बैंक के संस्थापक राणा कपूर, उनकी पत्नी बिंदू राणा कपूर, उनकी बेटियों रोशनी कपूर, राखी कपूर टंडन और राधा कपूर, DHFL के चेयरमैन-MD कपिल वधावन और RKW डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक धीरज राजेश कुमार वधावन के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया.

इससे पहले Yes बैंक में गड़बड़ी से जुड़े मामले में जांच कर रही सीबीआई ने सोमवार 9 मार्च को कई जगहों पर छापेमारी की. घोटालों में फंसे डीएचएफएल की ओर से यस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर के परिवार को कथित रूप से 600 करोड़ रुपये की रिश्वत दिए जाने के मामले में सीबीआई ने ये छापेमारी की.

सीबीआई की अलग-अलग टीमें सात स्थानों पर ये कार्रवाई कर रही है. एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई की टीमें के दल मुंबई में आरोपियों के आवास और आधिकारिक परिसरों में तलाशी ले रहे हैं.

उन्होंने बताया कि एजेंसी का आरोप है कि कपूर ने डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वाधवन के साथ आपराधिक षड्यंत्र कर यस बैंक के जरिए डीएचएफएल को वित्तीय मदद मुहैया कराई और उसके बदले राणा के परिवार के सदस्यों को फायदा पहुंचाया.

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