Yes बैंक संकट से गुजर रहा है. रिजर्व बैंक ने 5 मार्च को यस बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया और खाताधारकों पर कुछ बंदिशें लगा दीं. अगले एक महीने तक यस बैंक के खाताधारक सिर्फ 50,000 रुपए ही निकाल पाएंगे. अब इस नए बैंक संकट पर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर हो गया है. कांग्रेस का कहना है कि पिछले 6 साल से मोदी सरकार ने न केवल भारत की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी, बल्कि आम आदमी को धोखे दिए हैं.
बैंकों के आगे लंबी कतारें, अपना ही पैसा न निकाल पाने की बेबसी और मोदी सरकार का “चोरी और ऊपर से सीनाजोरी” का रवैया.कांग्रेस
'देश को किस बात की सजा दी जा रही है?'
कांग्रेस की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे पवन खेड़ा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री से जानने चाहते हैं कि कौन खा रहा है और कौन खिला रहा है. कांग्रेस ने कुछ आंकड़ें भी जारी कर साल दर साल बैंक फ्रॉड का दावा किया है.
- 2015-16 में ₹18,699 करोड़ के बैंक फ्रॉड;
- 2016-17 में ₹23,933 करोड़ के बैंक फ्रॉड;
- 2017-18 में ₹41,167 करोड़ के बैंक फ्रॉड;
- 2018-19 में ₹71,500 करोड़ के बैंक फ्रॉड;
- 2019-20 में ₹1,43,068 करोड़ के बैंक फ्रॉड
भारत की अर्थव्यवस्था तबाह कर दिया है: राहुल गांधी
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित कई विपक्षी नेताओं ने यस बैंक मामले पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है, ''नो यस बैंक. मोदी और उनके आइडियाज ने भारत की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है.''
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने इस मामले पर ट्वीट कर कहा, ''बीजेपी 6 साल से सत्ता में है, वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित और विनियमित करने की उनकी क्षमता उजागर होती जा रही है. पहले पीएमसी बैंक, अब यस बैंक. क्या सरकार बिल्कुल भी चिंतित है? क्या वो अपनी जिम्मेदारी से बच सकती है? क्या लाइन में कोई तीसरा बैंक है?''
इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है, ''मैं सभी जमाकर्ताओं को भरोसा दिलाना चाहती हूं कि उनका पैसा सुरक्षित है, मैं लगातार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के साथ संपर्क में हूं. जमाकर्ताओं, बैंक और अर्थव्यवस्था के हित में कदम उठाए जा रहे हैं.''
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