सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि अयोध्या में बुनियादी ढांचा इस्लामी नहीं था. न्यूज एजेंसी IANS के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद पर अपने फैसले में कहा कि हिंदुओं की इस बात का स्पष्ट सबूत है कि हिंदू मान्यता के अनुसार राम का जन्म विवादित स्थान पर हुआ था.
कोर्ट ने विवादित जमीन हिंदुओं को देने का आदेश दिया. मुस्लिमों को दूसरी जगह जमीन देने का आदेश. साथ ही कोर्ट का आदेश है कि केंद्र 3 महीने के अंदर एक योजना बनाए.
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा को जमीन देने का इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला गलत था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2010 में विवादित भूमि पर फैसला सुनाया था. कोर्ट ने ये भी कहा कि इस बात के सबूत हैं कि अंग्रेजों के आने से पहले हिंदू राम चबूतरा, सीता रसोई की पूजा करते थे.
Ayodhya Verdict: Supreme Court Verdict Key Highlights
- कोर्ट ने अयोध्या में 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन देवता रामलला को देने का आदेश दिया है.
- ये जमीन केंद्र सरकार के रिसीवर के पास रहेगी.
- कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार 3 महीने के अंदर एक ट्रस्ट बनाएगी.
- यही ट्रस्ट मंदिर नाम निर्माण का काम देखेगा.
- कोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को किसी दूसरी जगह 5 एकड़ जमीन देने का आदेश. इसी जमीन पर मस्जिद बनाई जाएगी.
- कोर्ट ने शिया बोर्ड का मामला खारिज कर दिया है.
- निर्मोही अखाड़ा का दावा भी खारिज कर दिया गया है. कोर्ट ने कहा है कि अखाड़ा शैबत नहीं, सिर्फ प्रबंधन का काम देख रहा था. हालांकि कोर्ट ने केंद्र कहा है कि ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा को भी प्रतिनिधित्व देने पर विचार करे.
- कोर्ट ने कहा है कि मस्जिद के नीचे कोई ढांचा था और वो इस्लामिक नहीं था..यानी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनाई गई थी. ASI की रिपोर्ट को अनदेखा नहीं किया जा सकता. ASI की रिपोर्ट में रिपोर्ट में कहा गया था कि वहां एक मंदिर था.
- बाबरी मस्जिद को मीर बाकी ने बनाया था. लेकिन ASI ने ये साफ नहीं किया था कि मस्जिद बनाने के लिए मंदिर को गिराया गया था.
- कोर्ट ने कहा है कि 1992 में मस्जिद को गिराया जाना कानून के खिलाफ था.
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