उत्तर प्रदेश में अब स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स का गठन किया गया है. योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इसके लिए एक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (UPSSF) पर महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों, दफ्तरों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा का जिम्मा होगा.
इस फोर्स का गठन सेंट्रल इंडस्ट्री सिक्योरिटी फोर्स (CISF) की तर्ज पर किया गया है. CISF का काम केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण इमारतों की सुरक्षा करना होता है. CISF के जवान मेट्रो और एयरपोर्ट की सुरक्षा में भी लगे होते हैं.
ऐसे ही UPSSF के जवान मेट्रो, एयरपोर्ट, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, अदालतों, धार्मिक स्थलों, बैंकों और वित्तीय संस्थानों में तैनात किए जाएंगे. निजी कंपनियां भी पेमेंट के आधार पर UPSSF की सेवाएं ले सकेंगी.
UPSSF का हेडक्वार्टर लखनऊ में होगा. इस फोर्स का मुखिया ADG-स्तर का कोई अधिकारी होगा. शुरुआत में UPSSF की पांच बटालियन बनाई जाएंगी.
नोटिफिकेशन में कहा गया कि ये सीएम योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है.
अगले तीन महीनों में इस फोर्स का पहला चरण लॉन्च करने की योजना है. जो पांच बटालियन बनाई जाएंगी, उनसे 1913 नए पदों का सृजन होगा.
स्पेशल फोर्स के गठन का प्रस्ताव इलाहबाद हाई कोर्ट के निर्देश पर आया था. पिछले साल दिसंबर में अदालत परिसरों में हिंसा की घटनाओं के बाद हाई कोर्ट ने ये निर्देश दिए थे.
फोर्स को मिली स्पेशल पावर
योगी सरकार ने SSF को स्पेशल पावर दी है. फोर्स बिना किसी वारंट के गिरफ्तारी कर सकती है और तलाशी भी ले सकती है. सरकार की इजाजत लिए बिना कोर्ट भी SSF के अधिकारियों और जवानों के खिलाफ संज्ञान नहीं ले पाएगा.
अगर SSF को लगता है कि वारंट जारी कराने में कोई अपराधी फरार हो सकता है या सबूत मिटा सकता है, तो वो उसे गिरफ्तार कर सकती है.
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