उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार सोमवार शाम को मंत्रिमंडल में फेरबदल करने जा रही थी. अब खबर है कि ये मंत्रिमंडल विस्तार टल गया है. सूत्रों के मुताबिक, अरुण जेटली की बिगड़ती सेहत को देखते हुए ये फैसला लिया गया है, जेटली AIIMS में ईसीएमओ और आईएबीपी सपोर्ट पर हैं, उनकी हालत नाजुक बनी हुई है. एम्स सूत्रों के मुताबिक जरूरत पड़ने पर उनका डायलिसिस शुरू किया जाएगा.
इससे पहले अटकलों के बीच शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की थी. बता दें कि ओबीसी नेता और प्रदेश सरकार के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बनाये जाने के बाद से ही मंत्रिपरिषद में फेरबदल की चर्चाएं तेज हो गयी थीं. बीजेपी के 'एक व्यक्ति एक पद' सिद्धांत के मुताबिक सिंह मंत्री पद और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष पद पर एक साथ नहीं रह सकते. सिंह इस समय परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं.
पश्चिमी यूपी के विधायकों की हो सकती हैं एंट्री
सूत्रों के मुताबिक, इस फेरबदल में करीब आधा दर्जन मंत्री शपथ लेंगे और इसमें पश्चिमी यूपी के विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है. कुछ मंत्रियों को हटाए जाने की भी संभावना है, जबकि कुछ के विभाग बदले जा सकते हैं.
फिलहाल, योगी कैबिनेट में 43 मंत्री हैं, जिसमें 21 कैबिनेट मंत्री, नौ राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार व 13 राज्य मंत्री हैं. मंत्रालय में 17 जगहें खाली हैं. राज्य सरकार के तीन मंत्री लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गये हैं जबकि एक मंत्री को पद से हटा दिया गया है
सरकार के तीन मंत्री एस पी सिंह बघेल आगरा से, रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद से और सत्यदेव पचौरी कानपुर से लोकसभा सांसद निर्वाचित हुए हैं. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता और कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रिपरिषद से हटा दिया था.
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