ADVERTISEMENTREMOVE AD

बीफ-पोर्क डिलीवरी पर हड़ताल पर Zomato कर्मचारी, ट्विटर पर बंटी राय

पश्चिम बंगाल में हड़ताल पर गए जोमैटो के डिलिवरी एग्जीक्यूटिव्स

Published
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

फूड एग्रीगेटर कंपनी जोमैटो एक बार फिर सुर्खियों में है. पश्चिम बंगाल में जोमैटो के डिलीवरी एग्जिक्यूटिव्स अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर चले गए हैं. डिलीवरी एग्जिक्यूटिव्स का कहना है कि कंपनी उनकी मांगों को नहीं सुन रही है और उन्हें उनकी मर्जी के बिना बीफ और पोर्क देने के लिए मजबूर कर रही है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

डिलीवरी एग्जीक्यूटिव्स की हड़ताल के बाद कंपनी ने बयान जारी किया है. कंपनी ने अपने बयान में कहा कि भारत जैसे देश में, डिलिवरी में वेजिटेरियन और नॉन-वेजिटेरियन खाने को अलग-अलग करना असंभव है.

कंपनी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के हावड़ा में पार्टनर्स का एक ग्रुप इस मामले को लेकर बात उठाई है और वो इसे जल्द से जल्द सुलझाने की कोशिश कर रहा है.

ट्विटर ने 1857 के विद्रोह से की तुलना

ट्विटर यूजर्स ने जोमैटो डिलीवरी एग्जीक्यूटिव्स की इस हड़ताल की तुलना 1857 के विद्रोह से की है. एक यूजर ने लिखा कि 1857 का विद्रोह भी बीफ और पोर्क को लेकर हुआ था, इसलिए जोमैटो को लोगों की भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए और ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह व्यवहार नहीं करना चाहिए.

0

जोमैटो के साथ आए ट्विटर यूजर्स

वहीं कुछ यूजर्स इसमें जोमैटो के साथ खड़े नजर आए. यूजर्स का कहना है कि जोमैटो को उन्हीं लोगों को काम पर रखना चाहिए, जिन्हें किसी भी तरह का खाना डिलीवर करने में परेशानी न हो.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

झूठी है जोमैटो एग्जीक्यूटिव्स की पूरी हड़ताल?

कई यूजर्स ने इस ओर भी इशारा किया कि ये पूरी हड़ताल नकली है. एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि हावड़ा में रेस्टोरेंट बीफ और पोर्क सर्व नहीं करते हैं.

एक यूजर ने लिखा, ‘ये झूठा विरोध प्रदर्शन है. हावड़ा में बीफ और पोर्क जोमैटो पर नहीं मिलता है. मैं काफी समय से वहां नहीं गया, लेकिन मेरे पास जोमैटो ऐप है. वहां हावड़ा की लोकेशन डालकर बीफ या पोर्क सर्च कर लीजिए.’

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इससे पहले भी विवाद में पड़ा था जोमैटो

इससे पहले भी जोमैटो काफी सुर्खियों में रहा था. कंपनी के एक कस्टमर ने जोमैटो से अपना ऑर्डर सिर्फ इसलिए कैंसल कर दिया, क्योंकि डिलिवरी बॉय हिंदू नहीं था. ट्विटर यूजर पंडित अमित शुक्ल, जिनके हैंडल का नाम @NaMo_SARKAAR है, उन्होंने लिखा, 'अभी जोमैटो पर अपना ऑर्डर कैंसल किया. उन्होंने एक गैर-हिंदू को ऑर्डर डिलीवर करने के लिए भेजा था. उन्होंने कहा कि वो राइडर नहीं बदलेंगे और कैंसल करने पर रिफंड भी नहीं देंगे. मैंने कहा कि आप मुझे ऐसी डिलीवरी लेने के लिए मजबूर नहीं कर सकते. मुझे रिफंड नहीं चाहिए, बस मेरा ऑर्डर कैंसल कर दीजिए.'

इस यूजर को जवाब देते हुए जोमैटौ ने कहा कि 'खाने का कोई धर्म नहीं होता, ये अपने आप में एक धर्म है.' इसके बाद से ही ट्विटर पर जोमैटो की खूब तारीफ हुई थी. हालांकि, कई लोगों ने जोमैटो पर हिंदुओं से भेदभाव करने का भी आरोप लगाया था.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×