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इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्डस में दर्ज हुआ आयुर्वेद कक्षा कार्यक्रम

इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्डस में दर्ज हुआ आयुर्वेद कक्षा कार्यक्रम

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नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)| भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति के प्रचार-प्रसार कार्य में जुटा संगठन नीरोगस्ट्रीट ने शनिवार को राष्ट्रीय आयुर्वेद छात्र और युवा संघ (नास्या) और विज्ञान भारती के सहयोग से यहां आयुर्वेद विशाल कक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसे इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्डस में दर्ज किया गया।

कक्षा कार्यक्रम में पहुंचे विशेषज्ञों ने चरक संहिता के पठन-पाठन के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में हजारों छात्रों एवं चिकित्सकों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि आयुष मंत्रालय द्वारा समर्थित इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य शास्त्रीय ग्रंथों (संहिताओं) के पठन-पाठन में आयुर्वेद के छात्रों की रुचि बढ़ाना है।

नीरोगस्ट्रीट के संस्थापक और सीईओ राम एन. कुमार ने कहा, आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के छात्रों में संहिता पढ़ने की दिलचस्पी में कमी आई है, जिसके कारण प्राचीन ग्रंथों में निहित आयुर्वेद के गूढ़ ज्ञान से वे वंचित हैं। नास्या की पहल पर निरोगस्ट्रीट ने आयुर्वेद चिकित्सकों की नई पीढ़ी में संहिता पढ़ने की रुचि पैदा करने को प्राथमिक चुनौती के रूप में स्वीकार किया है।

कार्यक्रम में विशेषज्ञों के व्याख्यान के बाद संवाद का सत्र संचालित किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने काफी उत्साह दिखाया।

नास्या की जनरल सेक्रेटरी पूजा कोहली ने कहा, आयुर्वेद के इतिहास में इतने बड़े पैमाने पर कक्षा का आयोजन पहले कभी नहीं हुआ है। हजारों आयुर्वेद चिकित्सकों, छात्रों और गणमान्य व्यक्तियों ने देश के विभिन्न भागों से आकर इस कक्षा कार्यक्रम में हिस्सा लिया और यह इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्डस में दर्ज हुआ।

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

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