इशरत जहां एनकाउंटर से जुड़े कागजात किसने गुम किए हैं इसका पता जांच कर रही आयोग भी नहीं लगा पाई है. गृह मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में जांच आयोग ने कहा है कि 5 दस्तावेजों में से सिर्फ एक दस्तावेज मिला है. समिति ने नतीजा निकाला है कि इन सब दस्तावेजों को जानबूझकर या अनजाने में गलत तरीके से खो दिया गया.
इस जांच रिपोर्ट के आधार पर ये कहा जा सकता है कि इस जांच के बाद न तो गुम फाइलें मिलीं और न ही उन्हें गायब करने वाला कोई नाम.
जांच आयोग की रिपोर्ट में चिदंबरम का नाम नहीं
जांच आयोग ने ये रिपोर्ट तत्कालीन गृह सचिव जी के पिल्लै समेत 11 सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों के बयानों के बाद सौंपी है. 52 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि दस्तावेज 18 से 28 सितंबर, 2009 के बीच लापता हो गये.
2009 में यूपीए की सरकार थी और पी चिदंबरम ही गृहमंत्री थे, लेकिन कहीं भी इस रिपोर्ट में तत्कालीन यूपीए सरकार के किसी अधिकारी, मंत्री या फिर गृहमंत्री पी चिदंबरम का नाम नहीं है.
23 सितंबर 2009 को मिस्टर चिदंबरम ने लिखा था, “सुधार के बाद, 24 सितंबर की सुबह कोर्ट में रिपोर्ट सौंपने से पहले प्लीज क्लीयर कॉपी दिखा दी जाए ”.द हिंदू की रिपोर्ट
इस मामले में तत्कालीन गृहमंत्री चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने एनआईए का दुरुपयोग किया और जबरन एफिडेविट बदलवाए और वह कागजात हटा दिया गया, जिसमें एनआईए ने इशरत को लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा बताया था. इन सारे आरोपों को चिदंबरम ने बेबुनियाद बताए हैं.
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