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इजरायल के खिलाफ, जब फिलिस्तीन के समर्थन में अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया था भाषण

Atal Bihar Vajpayee ने कहा था, "अरबों की जिस जमीन पर इजरायल कब्जा करके बैठा है, वो जमीन उसको खाली करना होगी."

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Israel-Palestine War: इजरायल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध जारी है. दोनों तरफ से एक-दूसरे पर मिसाइलें दाग रहे हैं, जिसकी तपिश भारत में भी महसूस की जा रही है. भारत वर्तमान परिस्थिति में इजरायल के साथ खड़ा है और अपना समर्थन जता रहा है. लेकिन इस बीच साल 1977 का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी इजरायल और फिलिस्तीन के मुद्दे पर अपनी राय रख रहे हैं.

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46 साल पुराना वीडियो वायरल

दरअसल, वायरल वीडियो 1977 में जनता पार्टी की विजय रैली का है, जिसमें वाजपेयी फिलिस्तीन का खुलकर समर्थन कर रहे हैं. वाजपेयी कह रहे हैं, "अरबों की जिस जमीन पर इजरायल कब्जा करके बैठा है, वो जमीन उसको खाली करना होगी."

नीचे प्रसार भारती के वीडियो में 11:50 से 13:45 के बीच अटल इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दे पर नई सरकार की सोच बता रहे हैं.

'इजरायल को खाली करनी होगी जमीन'

अटल बिहारी वाजपेयी कहते हैं, "ये कहा जा रहा है कि जनता पार्टी की सरकार बन गई. वो अरबों का साथ नहीं देगी, इजरायल का साथ देगी. आदरणीय मोरारजी भाई स्थिति को स्पष्ट कर चुके हैं. गलतफहमी को दूर करने के लिए मैं कहना चाहता हूं कि हम हरेक प्रश्न को गुण और अवगुण के आधार पर देखेंगे. लेकिन मध्य पूर्व के बारे में यह स्थिति साफ है कि अरबों की जिस जमीन पर इजरायल कब्जा करके बैठा है, वो जमीन उसको खाली करना होगी."

'अरबों की जमीन खाली होना चाहिए'

उन्होंने आगे कहा, "आक्रमणकारी, आक्रमण के फलों का उपभोग करे, ये हमें अपने संबंध में स्वीकार नहीं है. तो जो नियम हम पर लागू है, वो औरों पर भी लागू होगा. अरबों की जमीन खाली होना चाहिए.

जो फिलिस्तीनी हैं, उनके उचित अधिकारों की प्रस्थापना होना चाहिए. इजरायल के अस्तित्व को सोवियत रूस, अमेरिका ने भी स्वीकार किया है. हम भी स्वीकार कर चुके हैं.
अटल बिहारी वाजपेयी

स्थाई शांति का हल निकालने की वकालत

अटल बिहारी वाजपेयी ने स्थाई शांति की वकालत करते हुए कहा, "मध्य पूर्व का ऐसा हल निकालना पड़ेगा जिसमें आक्रमण का परिमार्जन हो जो स्थाई शांति का आधार बने. गलतफहमी की गुंजाइश कहां है? लेकिन, शायद वक्ता के नाते मैं अपने अधिकार का अतिक्रमण कर रहा हूं. अभी तो नए विदेश मंत्री होंगे जो हमारी विदेश नीति पर प्रकाश डालेंगे. कुछ कहना होगा तो आदरणीय मोरारजी भाई कहेंगे. लेकिन, मेरा संबंध ऐसी पार्टी से रहा है जिसका हौवा खड़ा करके चुनाव में ये कहा जाता था कि जनता पार्टी पर जनसंघ हावी है और जनसंघ मुसलमानों का दुश्मन है. कोई इस झूठे प्रचार में नहीं आया, यह बड़ी खुशी की बात है."

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