राजस्थान (Rajasthan) की राजधानी जयपुर (Jaipur) में 19 जनवरी से शुरू हुए जयपुर साहित्य सम्मेलन (Jaipur Literature Festival) में लंदन से आई लेखिका और स्तंभकार मुकुलिका बनर्जी ने कहा कि, भारत देश को लेकर अगर आप हिंदुत्व राष्ट्र की कल्पना करते हैं, तो यह असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है. मुकुलिका ने इसके पीछे का तर्क भी साझा है.
भारत देश को लेकर अगर आपकी कल्पना एक हिंदुत्व राष्ट्र की है, तो यह असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है. हिन्दुत्व की इच्छा अनिवार्य रूप से जनता की नहीं है, बल्कि यह सत्ता पर काबिज लोगों की है. इस विचारधारा को पिछले दरवाजे से नहीं लाया जा रहा है, यह सत्ताधारी दल की आधिकारिक विचारधारा है, यह आरएसएस की आधिकारिक विचारधारा है.मुकुलिका बनर्जी, लेखिका और स्तंभकार, लंदन
उन्होंने कहा कि, असल में यह भारत के बारे में एक विचार है, जो मौजूदा भारतीय संविधान के अनुसार असंवैधानिक होगा. उन्होंने कहा कि, भारतीय संविधान में हिंदू राष्ट्र की बात नहीं लिखी गई है, इसीलिए भारत के बारे में हिंदू राष्ट्र की कल्पना करना असंवैधानिक है.
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर में दक्षिण एशियाई अध्ययन संस्थान और दक्षिण एशियाई अध्ययन कार्यक्रम में वरिष्ठ अनुसंधानकर्ता रंजय सेन और सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी यामिनी अय्यर भी पैनल की हिस्सा थीं. पैनल का संचालन वाशिंगटन-डीसी निवासी और द इकोनॉमिक टाइम्स की स्तंभकार सीमा सरोही ने किया.
बनर्जी ने कहा कि, "केवल यह कहना पर्याप्त नहीं है कि आप लोकतंत्र हैं, बल्कि आप को लोकतांत्रिक बनना होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोद की बीजेपी सरकार में भारतीय चुनाव प्रणाली ने तीन बड़ी विकृतियां विकसित की हैं, पहला यह कि भारतीय निर्वाचन आयोग निष्पक्ष रहने में नाकाम रहा, दूसरी समस्या, चुनाव खर्च को लेकर है और तीसरी बात यह है कि गुप्त मतदान अब इतिहास बन चुका है."
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