देश में हर घर तिरंगा अभियान (Har Ghar Tiranga) के तहत जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के अनंतनाग (Anantnag) में दुकानदारों को कहा गया कि उन्हें राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के लिए 20 रुपए फीस के रूप में जमा करना होगा और ऐसा ना करने पर कार्यवाही की बात कही गई, हालांकि बाद में वरिष्ठ जिला अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि तिरंगा अभियान पूरी तरह से स्वैच्छिक है.
आरोप है कि तिरंगा अभियान को लेकर दुकानदारों को फीस जमा करने की घोषणा लाउडस्पीकर द्वारा की गई थी. अनंतनाग के उपायुक्त डॉ पीयूष सिंगला ने रविवार को कहा कि यह घोषणा उनकी अनुमति के बिना की गई थी और इसके लिए घोषणा करने वाला व्यक्ति जिम्मेदार है जिसे निलंबित कर दिया गया है.
वरिष्ठ जिला अधिकारी द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण से पहले, घोषणा की गई थी कि- "अनंतनाग जिला प्रशासन का आदेश है कि हर दुकानदार को कार्यालय में 20 रुपये जमा करने हैं जहां से उन्हें व्यापार लाइसेंस मिलता है. 20 रुपये जमा नहीं करने वालों पर कार्रवाई हो सकती है."
इसके अलावा अनंतनाग के मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) ने शुक्रवार को जिले के स्कूलों में एक सर्कुलर जारी कर छात्रों और शिक्षकों को 20 रुपये फीस देने को कहा था. जब यह मामला सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ तब जा कर सर्कुलर को वापस लिया गया.
इस मामले पर पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि, "जम्मू कश्मीर प्रशासन हर घर तिरंगा अभियान के लिए लोगों को राष्ट्रीय ध्वज खरीदने के लिए मजबूर कर रहा है. ऐसा लगता है कि कश्मीर एक दुश्मन क्षेत्र है जिस पर कब्जा करने की जरूरत है. देशभक्ति स्वाभाविक रूप से आती है और इसे थोपा नहीं जा सकता."
बता दें कि केंद्र का राष्ट्रव्यापी 'हर घर तिरंगा' अभियान लोगों को 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए लॉन्च किया गया है.
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