जापान (Japan) के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shizo Abe) की मौत हो गई है. 8 जुलाई की सुबह नारा शहर में एक रैली के दौरान उन्हें गोली मारी गई. इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उनकी मौत की पुष्टी की. इसके बाद भारत समेत दुनिया के कई देशों की ओर से शोक संदेश आ रहे हैं.
भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिंजो आबे के साथ अपनी सबसे हालिया मुलाकात से एक तस्वीर भी साझा की है.
ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा कि, "टोक्यो में मेरे प्रिय मित्र शिंजो आबे के साथ अपनी सबसे हालिया मुलाकात से एक तस्वीर साझा कर रहा हूं, वे हमेशा भारत-जापान संबंधों को मजबूत करने की कोशिश में लगे रहे, उन्होंने अभी-अभी जापान-भारत एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था."
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि, "मैं अपने सबसे प्यारे दोस्तों में से एक शिंजो आबे के दुखद निधन पर स्तब्ध और दुखी हूं. वह एक महान वैश्विक राजनेता, एक उत्कृष्ट नेता और एक उल्लेखनीय प्रशासक थे. उन्होंने जापान और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था."
पीएम मोदी ने यह भी ट्वीट किया कि, "आबे ने भारत-जापान संबंधों को एक विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने में बहुत बड़ा योगदान दिया. आज पूरा भारत जापान के साथ शोक में है और हम इस कठिन घड़ी में अपने जापानी भाइयों और बहनों के साथ खड़े हैं."
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के निधन से गहरा दुख हुआ. भारत और जापान के बीच सामरिक संबंधों को मजबूत करने में उनकी भूमिका सराहनीय थी. वह हिंद-प्रशांत में एक स्थायी विरासत छोड़ गए हैं. उनके परिवार और जापान के लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं."
तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने कहा, "मुझे यह सुनकर गहरा दुख हुआ है कि मेरे दोस्त, आबे शिंजो (पूर्व जापानी पीएम) का एक बंदूकधारी हमले के बाद निधन हो गया. मैं उनके लिए प्रार्थना करता हूं और उनके परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं."
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आबे की हत्या पर दुख जताया और कहा कि, "कई वर्षों तक आबे भारत के एक महान मित्र और शुभचिंतक थे. उन्होंने हमारे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को विस्तार और गहरा करने के लिए बहुत कुछ किया."
जापान में पूर्व राजदूत सुजान चिनॉय ने कहा कि, "प्रधानमंत्री शिंजो आबे हमेशा जापान की रक्षा और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते थे. उन्होंने अक्सर एशियाई 'सिक्योरिटी डायमंड' पहल के बारे में बात की, जो बाद में इंडो-पैसिफिक में विकसित हुई. 2015 में, हमने मालाबार अभ्यास में एक प्रतिभागी के रूप में जापान को शामिल किया. इसने पीएम आबे और पीएम मोदी के विजन को साझा किया था."
उन्होंने आगे कहा कि, "पीएम आबे ने भारत के साथ व्यक्तिगत संबंध स्थापित किए थे. उन्होंने हमारी द्विपक्षीय, विशेष, रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के लिए बहुत कुछ किया."
NATO के प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि वह पूर्व जापानी पीएम शिंजो आबे की "जघन्य हत्या से बहुत दुखी" हैं. स्टोल्टेनबर्ग ने ट्वीट किया कि आबे "लोकतंत्र के रक्षक और कई वर्षों से मेरे मित्र और सहयोगी थे".
शिंजो आबे की मौत के बाद जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि उनके पास कहने को कोई शब्द नहीं हैं. उन्होंने कहा कि, "मैं प्रार्थना कर रहा था कि उनकी जान बच जाएगी, लेकिन इसके बावजूद, मुझे (उनकी मृत्यु) उनके बारे में पता चला. यह वास्तव में खेदजनक है. मैं अपनी गहरी संवेदना और प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति मिले.
ब्रिटेन के नए वित्त मंत्री नादिम जहावी ने भी आबे की मौत के बाद शोक में ट्वीट किया, "जापान से आज की खबर दिल दहला देने वाली है. हम दुनिया की सेवा करने और कोशिश करने और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए राजनीति में प्रवेश करते हैं. शिंजो आबे ने उस महान उद्देश्य की खोज में अपना जीवन खो दिया है."
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