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झारखंड सरकार का चुनावी बजट? रोजगार का मुद्दा गायब, ग्रामीण विकास पर जोर

Jharkhand Budget 2023: बजट भाषण के दौरान वित्तमंत्री ने कहा कि यह झारखंड का "हमीन कर बजट" (अर्थात हमारा बजट) है.

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झारखंड (Jharkhand) विधानसभा में शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2023-2024 का बजट पेश हुआ. राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 1 हजार 16 लाख 418 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. अपने बजट भाषण के दौरान वित्तमंत्री ने कहा कि यह झारखंड का "हमीन कर बजट" (अर्थात हमारा बजट) है. इसमें सभी वर्गों का ध्यान दिया गया है. उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में झारखंड विकास की ओर बढ़ा है और राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई. आइये आपको बताते हैं कि बजट कैसा है?

झारखंड के बजट को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने समावेशी एवं ऐतिहासिक बताया है. उन्होंने कहा, "आज झारखण्ड विधानसभा में राज्य सरकार द्वारा राज्य का समावेशी एवं ऐतिहासिक बजट जनता को समर्पित किया गया. सभी वर्गों के विकास और उत्थान को केंद्र में रखने वाला यह 'हमीन कर बजट' राज्य के सतत विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा. आप सभी को अनेक-अनेक शुभकामनाएं और जोहार."

ग्रामीण क्षेत्रों पर फोकस

बजट में सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को लेकर कई बड़े ऐलान किए हैं. इसमें सड़क निर्माण, बिजली,पानी आदि शामिल है. सड़क निर्माण के लिए बजट में 60 प्रतिशत की राशि बढ़ाई गई है. वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा जल जीवन मिशन के तहत 61 लाख ग्रामीण परिवारों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने की योजना पर काम हो रहा है. साथ ही 2 करोड़ 60 लाख लाभार्थियों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है.

इसके अलावा हर पंचायत में ज्ञान केंद्र की स्थापना, पंचायत सचिवालय में TV, जल संसाधन विभाग के लिए 1 हजार 964 करोड़ रुपये, PM ग्रामीण सड़क योजना के तहत नये सड़क और पुलों के निर्माण की योजना, मुख्यमंत्री पशुधन योजना के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान, MNREGA के कार्यों के लिए 9 करोड़ मानव दिवस करने का लक्ष्य और 800 नए आंगनबाड़ी भवन बनने की बात शामिल है.

किसान और महिलाओं को क्या मिला?

बजट में सरकार ने घोषणा की है कि किसान ऋृण माफी योजना के तहत प्रत्येक किसान परिवार को 3500 रुपये मिलेगा. इससे 4.5 लाख किसानों को लाभ होगा. वहीं, महिलाओं को लेकर सरकार ने कोई खास ऐलान नहीं किया है.

5 लाख रोजगार का मुद्दा गायब?

बेरोजगारी का मुद्दा देश में अब घोषणा पत्र तक सीमित रहता दिख रहा है. 2019 में सत्ता में आने के पहले हेमंत सरकार ने हर साल 5 लाख रोजगार सृजन की बात कही थी. लेकिन उसकी झलक बजट में नहीं दिखी. वित्त मंत्री इतना जरूर ऐलान किया कि मुख्यमंत्री सृजन योजना के तहत बेरोजगार युवक-युवतियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा और अगर प्रशिक्षिण के बाद नौकरी नहीं मिली तो 6 महीने तक बेरोजागर युवकों को 1 हजार रुपये और महिलाओं और दिव्यांगों को 1500 रुपये हर महीने दिए जाएंगे.

शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में क्या ऐलान?

सरकार ने बजट में स्कू्ली शिक्षा और साक्षरता विभाग के लिए 12,446 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. वित्त मंत्री ने ऐलान किया है कि प्रदेश के विद्यालयों में बालिकाओं के लिए अलग शौचालय बनेंगा, प्रदेश के चयनित स्कूलों में बांग्ला और ओडिशा भाषा की शिक्षा मिलेगी, आवासीय स्कूलों का विकास होगा और कई जिलों में नये पॉलिटेक्निक कॉलेज खोलने की बात कही है. वहीं, मरीजों को सस्ते दाम पर एयर एबुलेंस की सुविधा मिलेगी.

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झारखंड के बजट पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने क्विंट हिंदी से बात की. उन्होंने कहा, " बजट में सफेद झूठ दिखाने का काम किया गया है, इससे झारखंड की जनता को निराशा हाथ लगी है. नई बोतल पुरानी शराब बजट पेश किया गया है, भाषणों का पुलिंदा है, केंद्र सरकार की योजनाओं में अपने आप को शामिल करते हुए उसे जनता के बीच में ले जाने का काम किया जा रहा है. पीएम आयुष्मान योजना की जगह मुख्यमंत्री आयुष्मान शुरू की गई है."

ग्रामीण क्षेत्र में बजट कम कर दिया, कृषि क्षेत्र पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. आदिवासियों के कल्याण के लिए जो प्रावधान होने चाहिए वो नहीं किए, रोजगार सृजन के लिए कोई उपाय नहीं किए. पैसे कहां से लाएंगे ये नहीं बताया है. ये दृष्टिहीन बजट है, बजट के नाम पर जनता को ठगा गया है.
दीपक प्रकाश, झारखंड बीजेपी अध्यक्ष

वरिष्ठ पत्रकार आनंद मोहन कहते हैं, "चुनाव में अभी समय है लेकिन सरकार मानकर चल रही है कि उसे इन्हीं 1 से 2 साल में काम करना है. ये चुनावी बजट है."

"सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर, सोशल सेक्टर और गांव के विकास के लिए अच्छी राशि का प्रावधान किया है. सरकार का फोकस है कि हम जो भी योजना पिकअप कर रहे हैं उन्हें बचे हुए दो सालों में पूरा करें. उन योजनाओं में राशि बढ़ाई गई है जो अंतिम चरण में हैं."
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बजट में राज्य में पुरानी पेंशन नीति (OPS) लागू करने की बात की गई है तो आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्ट फोन देने का वादा किया है. दुमका और बोकारो के लिए हवाई सेवा शुरू करने का भी ऐलान किया गया है. कुल मिलाकर देखें तो सरकार ने चुनाव को देखते हुए बजट पेश किया है. यानी बचे हुए दो सालों में काम करने का रोडमैप दिखाया है जिससे चुनाव के वक्त जनता को काम बताया जा सके. रोजगार पर हाथ बांधे खड़ी सरकार ने नियोजन नीति लागू करने की बात बजट से एक दिन पहले विधानसभा में की लेकिन नियुक्ति कब होगी, ये देखना दिलचस्प होगा.

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