जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) पुलिस ने शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (SKUAST) के सात छात्रों पर लगा गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) का चार्ज हटा लिया गया है.
इन छात्रों को 20 नवंबर को कथित तौर पर क्रिकेट विश्व कप फाइनल में भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की जीत के बाद पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. UAPA हटाने के साथ ही सातों छात्रों को जमानत भी मिल गई है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि जैसे ही गांदरबल में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में शनिवार, 2 दिसंबर को जमानत याचिका सुनवाई के लिए आई, पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि सातों के खिलाफ UAPA के तहत आरोप हटा दिए गए हैं.
छात्रों के खिलाफ UAPA लागू करने के पुलिस के फैसले की पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने आलोचना की थी. इसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस को ये कहना पड़ा कि उन्होंने UAPA के "नरम प्रावधान" लागू किए हैं.
पुलिस ने ये भी कहा था कि ये मामला "केवल पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने का नहीं है", बल्कि "पूरे संदर्भ" के बारे में है, जिसमें असहमत लोगों को "डराना" और "आतंकित करना" शामिल है.
छात्रों पर UAPA की धारा 13 लगाई गई थी जो किसी भी गैरकानूनी गतिविधि को उकसाने या सलाह देने से संबंधित है और इसमें सात साल जेल की सजा का प्रावधान है.
एक छात्र की शिकायत पर लगा था UAPA
हॉस्टल में कई छात्रों के बीच झड़प के बाद एक छात्र ने सातों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. अपनी शिकायत में, छात्र ने सात छात्रों का नाम लेते हुए दावा किया था कि मैच के बाद, उन्होंने "मुझे गाली देना शुरू कर दिया और हमारे देश का समर्थक होने के लिए मुझे निशाना बनाया".
शिकायत में दावा किया गया कि "छात्रों ने पाकिस्तान समर्थक नारे भी लगाए, जिससे जम्मू-कश्मीर के बाहर के छात्रों में डर पैदा हो गया."
सातों के खिलाफ IPC की धारा 505 (किसी वर्ग या समुदाय को किसी अन्य वर्ग या समुदाय के खिलाफ अपराध करने के लिए उकसाने का इरादा) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत भी आरोप लगाए गए हैं.
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