जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की दंडात्मक कार्रवाई को निष्प्रभावी करने की मांग को लेकर देश-विरोधी नारेबाजी करने के आरोपी छात्र बुधवार रात से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.
क्यों हुई कार्रवाई?
बीते 9 फरवरी को संसद पर हमले की साजिश में शामिल अफजल गुरु को फांसी दिए जाने की बरसी पर कार्यक्रम आयोजित करने और उसी कार्यक्रम में देश-विरोधी नारेबाजी की घटना को लेकर जेएनयू ने आरोपी छात्रों पर दंडात्मक कार्रवाई की है.
जेएनयू प्रशासन का फैसला
जेएनयू प्रशासन ने देशद्रोही नारेबाजी मामले के आरोपी जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. इस मामले में ही दूसरे आरोपी उमर खालिद पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाने के साथ 1 सेमेस्टर के लिए विश्वविद्यालय से निष्कासित भी किया गया है.
वहीं, अनिर्बान भट्टाचार्य को 15 जुलाई तक के लिए निष्कासित किया गया है. इसके साथ ही यह दोनों छात्रों पर अगले पांच सालों तक विश्वविद्यालय के किसी भी कोर्स में दाखिला लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
भूख हड़ताल पर बैठे आरोपी छात्र
जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और विश्वविद्यालय के अन्य छात्रों के साथ बुधवार रात से भूख हड़ताल शुरू की और कहा कि उन लोगों ने मामले की जांच करने वाली उच्च स्तरीय जांच समिति के निष्कर्षों और सिफारिशों को खारिज कर दिया है.
-इनपुट भाषा से
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