दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के एक रिसर्च स्कॉलर ने सोमवार शाम दिल्ली के मुनिरका इलाके में पंखे से लटक कर खुदकुशी कर ली. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कथित आत्महत्या करने वाले की पहचान मुथुकृष्णन उर्फ रजनी कृष के रूप में की गई है. रजनी जेएनयू के सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज का छात्र था. रजनी तमिलनाडु का रहने वाला था.
फेसबुक के आखिरी पोस्ट में भेदभाव का लगाया आरोप
रजनी ने आत्महत्या से पहले 10 मार्च को भेदभाव और शिक्षा में असामनता को लेकर किया था एक पोस्ट. रजनी ने लिखा था
जब समानता से इनकार किया जाता है तो सब कुछ से वंचित हो जाता है. एमएफ़िल / पीएचडी के एडमिशन में कोई समानता नहीं है, मौखिक परीक्षा में कोई समानता नहीं है - सिर्फ बराबरी और समानता को नकारा गया है. छात्रों को एड ब्लॉक पर प्रोटेस्ट करने से रोका जाता है, हाशिये पर खड़े लोगों को शिक्षा से रोका जाता है.
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस के पुलिस कंट्रोल रूम को शाम को 5 बजे एक कॉल आया था कि मुनिरका में एक शख्स ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया है. और कमरे का दरवाजा नहीं खोल रहा है. पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जब दरवाजा तोड़ा तो कमरे के अंदर रजनी कृष की लाश पंखे से लटकी हुई मिली. रजनी जेएनयू से सटे मुनिरका इलाके में अपने दोस्त के कमरे पर आया था.
2016 में रोहित वेमुला ने भी की थी आत्महत्या
इससे पहले साल 2016 के जनवरी महीने में हैदराबाद यूनिवर्सिटी के रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, जिससे बाद देश में बहुत बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ था.
नाम ना छापने की शर्त पर जेएनयू के छात्र ने बताया कि रजनी भी रोहित वेमुला की तरह ही दलित था. और वह रोहित वेमुला आंदोलन में भी बहुत एक्टिव था.
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