उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath) में संकट बना हुआ है, लोग बेघर हुए हैं, मकान तबाह हो गए और बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष के बयान ने और बवाल मचा दिया. उन्होंने कहा कि जोशीमठ में आंदोलन कर रहे लोग वामपंथी है. इस बयान पर कई आंदोलनकारी लोगों ने नाराजगी जताई है.
जनपद चमोली का नगर जोशीमठ लुप्त होने के कगार पर है. इसे लेकर नगर में आंदोलन चल रहा है. इस बीच उत्तराखंड बीजपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि इस आंदोलन को वामपंथी चला रहे हैं और लोगों को आंदोलन में जुड़ने के लिए दबाव डाल रहे हैं.
इस पर लोगों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि, उनका घर टूटा है, इसलिए यहां हैं, उन्हें ठंड में ठिठुरने का शौक नहीं है. साथ ही दबाव वाली बात को भी लोगों ने गलत बताया. यह आंदोलन पिछले एक महीने से जारी है.
आंदोलन में शामिल भुवन चंद्र उनियाल ने क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा कि,
"आंदोलन किसी वामपंथी, किसी कांग्रेसी, किसी भाजपाई का नहीं है, यह आंदोलन जोशीमठ के हर उस नागरिक का है, जिसका घर टूट गया है या जो सड़क पर आ गया है. जोशीमठ के लोग जोशीमठ के हैं, किसी पार्टी के नहीं और न ही जोशीमठ में यह आंदोलन किसी पार्टी विशेष के बैनर तले हो रहा है, बल्कि यह आंदोलन जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले हो रहा है. यह वह समिति है, जो पहले भी जोशीमठ के लिए कई आंदोलन कर चुकी है.
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के अतुल सती ने क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा कि, "सत्तासीन पार्टी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने आंदोलनकारियों को चीनी बताया जो बेहद दुखद है. हम सीमांत क्षेत्र के लोग द्वितीय पंक्ति के रक्षक है, वैसे भी चीन कर्णप्रयाग तक अपना हक जता चुका है. बाडाहोती में आये दिन चीन हमारे चारावाहों के तंबू उखाड फेंकता है. हमारे ही भाई सीमा की हर जानकारी प्रशासन को देते है, ये उनका भी अपमान है."
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने क्या कहा था?
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बयान जारी करते हुए कहा था कि, "जोशीमठ में जो आंदोलन हो रहा है, उस आंदोलन को कम्युनिस्ट पार्टी के लोग हवा दे रहे हैं. लोगों को आंदोलन में आने के लिए उन पर दबाव बनाया जा रहा है."
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