पुलिस अधीक्षक (एसपी) ऋषिकेश भगवान सोनवणे ने कहा कि आरोपी कांस्टेबल शिवराज को हिरासत में ले लिया गया है। उन्होंने कहा, आरोपी को सेवा से बर्खास्त कर दिया जाएगा। पुलिस विभाग कभी उसका पक्ष नहीं लेगा।
अधिकार क्षेत्र की कडाबा पुलिस मामले की जांच कर रही है और आईपीसी की धारा 376 (2) (पुलिस अधिकारी, लोक सेवक होने के नाते, अपने आधिकारिक पद का लाभ उठाना और एक महिला से बलात्कार करना), 506 (आपराधिक धमकी), 5 (ए), 5 (जे) (2) 6 पोक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम 2012 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को पुलिस महानिरीक्षक देवज्योति राय, एसपी ऋषिकेश भगवान सोनवणे, उपाधीक्षक डॉ गाना, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवकुमार गुनारे ने कड़ाबा थाने का दौरा किया।
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के सदस्यों ने थाने का दौरा किया और मांग की कि पुलिस अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की जाए और विभाग को आरोपी कांस्टेबल की रक्षा नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह एक शर्मनाक कृत्य है और पुलिस की लापरवाही के मामले में विरोध प्रदर्शन करने की भी चेतावनी दी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी कांस्टेबल ने नाबालिग लड़की से उस वक्त मुलाकात की थी, जब उसने दो साल पहले कदबा थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। आरोपी अपने पावर का गलत इस्तेमाल कर मामले को लेकर नाबालिग लड़की से बातचीत करता था। वह समन जारी करने के बहाने उसके घर आया और लड़की से दोस्ती कर ली।
आरोपी ने रेप पीड़िता से वादा किया था कि वह उससे शादी करेगा और उसका यौन शोषण करेगा। जब बच्ची साढ़े पांच माह की गर्भवती हुई तो परिजनों को इसकी जानकारी हुई और आरोपी से पूछताछ की।
आरोपी ने लड़की से शादी करने से साफ इनकार कर दिया। बदले में, उसने उसके माता-पिता से गर्भपात कराने के लिए कहा और वह पैसे देने की बात करने लगा।
घटना का पता तब चला जब पीड़िता के पिता ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आरोपी ने अपनी बेटी और पत्नी को एक अज्ञात स्थान पर रखा था और वे घर नहीं लौटे हैं।
पुलिस ने कहा कि आरोपी कांस्टेबल ने उन्हें 35,000 रुपये का डिजिटल ट्रांसफर किया था और उन्होंने गर्भपात करवाया था। पुलिस ने पीड़िता और उसकी मां का पता लगा लिया है। जांच जारी है।
--आईएएनएस
एसकेके
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