कर्नाटक (Karnataka Elections 2023) की 224 विधानसभा सीट पर 10 मई को होने वाले चुनाव को लेकर बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों ने चुनावी वादों से भरा घोषणा पत्र जारी कर दिया है. यहां हमने दोनों के घोषणा पत्रों की मुख्यों बातों को सामने रखा है ताकि वोटर आसानी से तुलना कर सकें.
किसानों/मछुआरों के लिए घोषणा
बीजेपी ने 1000 किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनाने का वादा किया है साथ ही सभी ग्राम पंचायतों में माइक्रो-कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं और एग्रो प्रोसेसिंह यूनिट की स्थापना के लिए 30,000 करोड़ रुपये के-एग्री फंड स्थापित करने का वादा किया.
डेयरी किसानों को दिए जाने वाले इंसेंटिव को बढ़ाकर 7 रुपये प्रति लीटर किया जाएगा.
गांव से शहर के बाजारों तक 50 किलोग्राम तक के कृषि, बागवानी और डेयरी उत्पादों का फ्री ट्रांस्पोर्ट.
कांग्रेस अगले 5 सालों में किसान कल्याण के लिए 1.5 लाख रुपए का वादा किया. फसल नुकसान की भरपाई के लिए 5000 करोड़ रुपए (हर साल 1000 करोड़ रुपए).
नारियल किसानों और अन्य के लिए MSP सुनिश्चित किया जाएगा.
दूध पर सब्सिडी को 5 रुपए से बढ़कर 7 रुपए किया जाएगा.
महिलाओं के लिए घोषणा
बीजेपी ने बेंगलुरु की सभी गलियों में एआई फेशियल रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर से लैस सीसीटीवी लगाने का वादा किया है, जिसे महिलाओं की सुरक्षा के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) से जोड़ा जाएगा.
बीजेपी ने 'ओनके ओबव्वा सामाजिक न्याय निधि' योजना का भी वादा किया, जिसके माध्यम से वह अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के परिवारों की उन महिलाओं को 10 हजार तक की एफडी करके देगी जिन्होंने पहले से कोई पांच साल के लिए एफडी बनाकर रखी है.
कांग्रेस ने घोषणापत्र में 'शक्ति' योजना के तहत नियमित केएसआरटीसी/बीएमटीसी बसों में कर्नाटक में महिलाओं के लिए फ्री यात्रा का वादा किया है.
कांग्रेस ने परिवार की हर महिला मुखिया को 2,000 रुपये प्रति माह देने का भी वादा किया है.
पौष्टिक आहार के लिए क्या हैं घोषणाएं?
बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में हर महीने राशन किट के माध्यम से प्रति परिवार 5 किलो अनाज या बाजरा, सालाना तीन फ्री रसोई गैस सिलेंडर और बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों को आधा लीटर नंदिनी दूध देने का वादा किया है.
कांग्रेस ने 'अन्न भाग्य' योजना के तहत बीपीएल परिवार के हर सदस्य को प्रति माह 10 किलो चावल देने का वादा किया है और किसानों के लिए दूध सब्सिडी को 5 रुपये से बढ़ाकर 7 रुपये प्रति लीटर करने का वादा किया है.
शिक्षा के लिए किसका क्या वादा?
बीजेपी ने 'विश्वेश्वरैया विद्या योजना' के तहत सरकारी स्कूलों को पूरी तरह से संवारने का वादा किया है. बीजेपी ने शिक्षा और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए एसएमई और आईटीआई के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए समन्वय योजना शुरू करने का भी वादा किया है.
कांग्रेस ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (New Education Policy) को खत्म करने का वादा किया है और कहा है कि राज्य शिक्षा नीति की घोषणा की जाएगी.
कांग्रेस के घोषणापत्र में, पार्टी ने पुस्तकों में भरत और कर्नाटक के सच्चे मूल्यों और वैज्ञानिक स्वभाव को बहाल करने का वादा किया और यह दावा किया है कि बीजेपी सरकार ने बसवन्ना और कुवेम्पु का अपमान करके पाठ्य पुस्तकों को बिगाड़ा है.
युवा और रोजगार को लेकर घोषणा
बीजेपी ने 10 लाख मैन्युफैक्चरिंग नौकरियां बनाने के उद्देश्य से प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम का दायरा बढ़ाने का वादा किया है.
कांग्रेस ने ऑटो चालकों और टैक्सी चालकों के लिए अलग-अलग बोर्ड के अलावा, गिग इकॉनमी में लोगों की बढ़ती संख्या में मदद करने के लिए एक गिग वर्कर्स (दिहाड़ी पर काम करने वाले लोग) वेलफेयर बोर्ड स्थापित करने का वादा किया है.
कांग्रेस ने ग्रेज्युएट के लिए 3,000 रुपये प्रति माह और डिप्लोमा धारकों के लिए 2 साल के लिए 1,500 रुपये की 'युवा निधि' का वादा किया है.
स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी घोषणाएं
बीजेपी ने नगर निगमों के हर वार्ड में क्लिनिक की स्थापना करके 'मिशन स्वास्थ्य कर्नाटक' के माध्यम से राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने का वादा किया है. इसमें यह भी कहा गया कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए नि:शुल्क वार्षिक मास्टर स्वास्थ्य जांच का प्रावधान है.
कांग्रेस ने वाया किया कि आंगनवाड़ी और मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के वेतन को 15,000 रुपये और 10,000 रुपये तक बढ़ाया जाएगा और रात की ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को हर साल एक महीने के अतिरिक्त वेतन के साथ-साथ 5,000 रुपये प्रति माह का अतिरिक्त भत्ता मिलेगा. कांग्रेस ने 'गृह ज्योति' योजना के तहत घरों में 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा भी किया है.
राजनीतिक वादे
बीजेपी ने राज्य में सत्ता में आने पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) लागू करने का वादा किया है.
बीजेपी ने राज्य में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने का भी वादा किया है.
कांग्रेस ने घोषणा की है कि वह सत्ता में आने के एक साल के अंदर बीजेपी सरकार द्वारा पारित सभी "अन्यायपूर्ण और जनविरोधी कानूनों" को रद्द कर देगी.
इसके अलावा बीजेपी सरकार द्वारा बनाए गए किसान विरोधी कानूनों को रद्द कर देगी.
कांग्रेस ने बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया सहित सभी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का भी वादा किया है, जो कथित रूप से समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए अवैध गतिविधियों में शामिल हैं.
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