राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने एक घटना का स्वत: संज्ञान लिया है, जिसमें केरल (Kerala) की दो महिलाओं को मानव बलि का शिकार बनाया गया है। आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, केरल को नोटिस जारी कर मामले की जांच की स्थिति और पीड़ितों के परिवारों को भुगतान किए गए मुआवजे, यदि कोई हो, सहित 4 सप्ताह के भीतर मामले में रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने पाया है कि एक सभ्य समाज में ऐसी घटनाओं की उम्मीद नहीं की जा सकती है, जहां एक इंसान को कानून के डर के बिना एक अनुष्ठान के नाम पर दूसरे व्यक्ति द्वारा मार दिया जाता है। दोनों पीड़ितों के जीवन के अधिकार का घोर उल्लंघन किया गया है। राज्य, अपने नागरिकों का संरक्षक होने के नाते, उनकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है और उन्हें इस तरह की कुप्रथाओं से बचाने के अपने दायित्व से बच नहीं सकता है।
दरअसल दोनों महिलाओं के परिवारों ने पुलिस को उनकी लापता होने की सूचना दी, लेकिन तीन महीने बाद जादू-टोना जानने वाले एक व्यक्ति ने भाग्य लाने का दावा कर दोनों महिलाओं को शिकार बनाया। हालांकि दोनों महिलाएं लॉटरी टिकट बेचने के एक सामान्य पेशे से संबंधित रखती थीं और वित्तीय समस्या का सामना कर रही थीं, जिस कारण वह जादू टोना जानने वाले व्यक्ति के चंगुल में फंस गईं।
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