कालेधन को सफेद करने में बैंकों की मिलीभगत की शिकायत पर केंद्रीय जांच एजेंसियां सक्रियता के साथ कार्रवाई कर रही हैं. ऐसी ही एक शिकायत पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ कार्रवाई की है. ईडी ने कोटक महिंद्रा बैंक के मैनेजर को हवाला कारोबारियों से सांठ-गांठ के आरोप में गिरफ्तार किया है.
बैंक मैनेजर का नाम आकाश बताया जा रहा है. कस्तूरबा गांधी मार्ग ब्रांच में यह तैनात था. इस ब्रांच में नौ फर्जी अकाउंट मिले हैं. इस मामले में दो लोगों को क्राइम ब्रांच पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. दोनों के नाम रंजीत और राजकुमार गोयल हैं.
फर्जी अकाउंट्स में जमा कराए गए करोड़ों रुपये
जानकारी के मुताबिक, फर्जी अकाउंट्स में करीब 66 करोड़ रुपये जमा कराया गया था. बाद में यह पैसा एक सुनार को दिया गया, जिसका अकाउंट चांदनी चौक की एक्सिस बैंक ब्रांच में था. यह अकाउंट भी जांच में फर्जी पाया गया.
केन्द्रीय जांच एजेंसी ईडी के मुताबिक, बैंक मैनेजर को हवाला कारोबारियों के साथ सांठगांठ के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. विभाग की कार्रवाई में पता चला है कि बैंक में नोटबंदी के बाद कई फर्जी बैंक एकाउंट से करोड़ो का लेन-देन किया गया.
यह भी साफ हुआ है कि बैंक मैनेजर का हवाला कारोबारी पारसमल लोढ़ा से भी कनेक्शन है. अब ईडी ने बैंक मैनेजर की गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ शुरू कर दी है.
नोएडा की ब्रांचों में भी मिले फर्जी खाते
कोटक महिंद्रा बैंक में फर्जी खातों के सामने आने का सिलसिला जारी है. मंगलवार को आयकर विभाग की टीम को जांच में नोएडा और दिल्ली की शाखाओं में 150 नए फर्जी खाते मिले हैं. इन खातों से करीब एक हजार करोड़ रुपये के लेन-देन की बात सामने आई है.
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