प्रिंस हैरी ने शाही परिवार से अलग होने के औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद इस पूरे घटनाक्रम को लेकर दुख जाहिर किया है।
इस समझौते के तहत उन्हें और उनकी पत्नी मेगन मर्केल को शाही उपाधि ‘हिज और हर रॉयल हाइनेस’ (एचआरएच) को छोड़ना होगा और अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए सार्वजनिक कोष का इस्तेमाल भी नहीं कर पाएंगे।
हैरी इस पूरे घटनाक्रम को लेकर दुखी भी हैं क्योंकि उन्हें चीजों के इस तरह अंजाम पर पहुंचने का अंदाजा नहीं था।
इस ऐतिहासिक समझौते के बाद हैरी ने अपने पहले बयान में कहा, ‘‘ मैं इससे बेहद दुखी हूं कि चीजें यहां पहुंच गईं।’’
लंदन में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘ हमें उम्मीद थी कि हम महारानी, कॉमनवेल्थ और मेरे सैन्य संघ को सेवाएं देते रहेंगे, लेकिन बिना सार्वजनिक कोष.. दुर्भाग्यवश, यह संभव नहीं है।’’
मेगन अपने आठ माह के बेटे आर्ची के साथ पहले से कनाडा में हैं और कुछ खबरों में कहा गया है कि वह लंबित शाही कार्यों के लिए कुछ समय के लिए ब्रिटेन लौट सकती हैं जब तक कि नया समझौता अमल में नहीं आ जाता।
यह समझौता बसंत की किसी अनिर्दिष्ट तिथि को अमल में आएगा जो ब्रिटेन में मार्च के अंत में शुरु होता है।
इस बीच, प्रिंस हैरी तब तक अपने शाही कर्तव्य निभाते रहेंगे। धीरे-धीरे वह स्थायी रूप से इन भूमिकाओं से पीछे हट जाएंगे, रॉयल मरीन्स के कैप्टन जनरल (ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग द्वारा दिया गया पद) के तौर पर अपनी सैन्य भूमिकाओं को, आरएएफ होनिटन में ऑनररी एयर कमांडेंट और स्माल शिप्स एंड डाइविंग के कोमोडर इन चीफ जैसी सैन्य भूमिकाओं को छोड़ देंगे।
“मेक्गिट’’ कहे जा रहे इस समझौते के तहत, दंपति हाल में मिली उन भूमिकाएं भी गंवा देंगे जहां उन्हें राष्ट्रमंडल का युवा राजदूत बनाया गया था।
हालांकि निजी धर्मार्थ कार्यों को पूरा करने के उनके कदम के तहत, वे महारानी के राष्ट्रमंडल न्यास के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बने रह सकते हैं।
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