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लाहौर हाई कोर्ट ने रावी नदी पर इमरान खान की परियोजना को अवैध करार दिया

इससे पहले इस याचिका की सुनवाई खुली अदालत में जारी थी और यह सुरक्षित रख ली गई थी

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पाकिस्तान में लाहौर हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री इमरान खान के रावी शहर विकास प्रोजेक्ट को अवैध करार देते हुए इसके निर्माण कार्य पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए हैं. शमा टीवी चैनल ने यह जानकारी दी है.

हाईकोर्ट के न्यायाधीश शाहिद खान ने इस फैसले को सुनाते हुए निर्माण कार्य पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश भी जारी किए. इससे पहले इस याचिका की सुनवाई खुली अदालत में जारी थी और यह सुरक्षित रख ली गई थी.

उन्होंने कहा कि इसके निर्माण से पहले परियोजना की आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया गया है और रावी शहरी विकास प्राधिकरण अधिनियम (आरयूडीए ) 2020 की धारा 4 संविधान के खिलाफ है.

धारा में कहा गया है: सरकार, आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, इस अधिनियम के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए रावी शहरी विकास प्राधिकरण (आरयूडीए) के रूप में एक प्राधिकरण स्थापित करेगी. यह प्राधिकरण स्थायी उत्तराधिकार और एक निगमित निकाय होगा. इस अधिनियम के प्रावधानों के अधीन, चल और अचल दोनों संपत्ति का अधिग्रहण और धारण करने की शक्तियों के साथ, उसे मुकदमा चलाने का अधिकार है.सरकार प्राधिकरण के कामकाज की समीक्षा करेगी और समय-समय पर ऐसे निर्देशों को लागू करने के लिए सामान्य नीति निर्देश दे सकती है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि लेकिन 1984 के कानून के तहत कृषि भूमि का अधिग्रहण कानूनी रूप से ही किया जा सकता है. जो परियोजना के मामले में नहीं किया गया था और इस लिहाज से यह अवैध है. अदालत ने 7,000 एकड़ जमीन सरकार को हस्तांतरित करने की आरयूडीए की अधिसूचना को शून्य घोषित कर दिया है.

गौरतलब है कि आरयूडीए का उद्घाटन पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने अगस्त 2020 में किया था. उन्होंने कहा था कि यह परियोजना लाहौर को बचाएगी.

उन्होंने कहा था अगर हम लाहौर को बचाना चाहते हैं तो इस परियोजना को बनाने की जरूरत है. इसके बिना लाहौर को पानी की समस्या का सामना करना पड़ेगा जैसा आज कराची कर रहा है.

श्री खान ने यह कहा था कि लाहौर में प्रदूषण का स्तर तय मानकों को पार कर गया है जो लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।

--आईएएनएस

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