भारत रत्न लता मंगेशकर का रविवार सुबह निधन हो गया. वे करीब एक महीने से बीमार थीं. 6 फरवरी की सुबह 8.12 बजे मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली. लता जी ने खालिद मोहम्मद के साथ इंटरव्यू में अपने जीवन के बारे में कई खुलासे किए.
लता मंगेशकर को पहला बड़ा ब्रेक कब मिला?
लता जी ने बताया था, साल 1948 में मजबूर फिल्म के गाने दिल मेरा तोड़ा से पहला मेजर ब्रेक मिला. गुलाम हैदर ने कम्पोज किया था. महल (1949) फिल्म में आएगा आनेवाला, बरसात (1949) फिल्म में हवा में उड़ता जाए, जिया बेकरार है और छोड़ गए बालम सहित 9 गाने गाए. मैं भाग्यशाली रही. वे मौके ईश्वर ने भेजे थे. गुलाम हैदर साहब को मुझ पर बहुत भरोसा था. उन्होंने मुझे मजबूर फिल्म में मौका दिया. मैंने लव इज ब्लाइंड नाम की फिल्म के लिए कुछ गाने गाए थे, जो शायद कभी रिलीज नहीं हुए.
'मेरी आवाज को बहुत पतली कहकर खारिज कर दिया था'
एक पठान था. जूनियर आर्टिस्ट सप्लायर. उसने मुझे नोटिस किया और फिल्म निर्माताओं से मिलवाया. हालांकि, शशधर मुखर्जी ने मेरी आवाज को बहुत पतली कहकर खारिज कर दिया था. लगभग उसी समय नौसाद साहब ने अंदाज (1949) में उठाए जा उनके सितम और कोई मेरे दिल में के लिए मौका दिया.
महबूब खान की निर्देशित दिलीप कुमार, राज कपूर और नरगिस के साथ क्लासिक लव स्टोरी थी. अंदाज और आएगा आनेवाला गाने हिट हुए तो मुझे पहचान मिलने लगी. इससे पहले मुझे नॉन फिल्मी गानों की वजह से महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में ही जाना जाता था।
फिल्म में क्रेडिट लाइन के लिए लता जी ने किया संघर्ष
लता जी ने बताया था कि महल फिल्म के समय प्लेबैक सिंगर को फिल्म के क्रेडिट टाइटल में मेंशन किया गया था. फिल्म के रिकॉर्ड में सिंगर का नाम कामिनी बताया गया, जो मधुबाला के निभाए गए किरदार का नाम था. जब मुझे मराठी फिल्म गजभाउ (1943) के लिए गाया था, तब मुझे क्रेडिट भी नहीं किया गया था.
आएगा आने वाला..गाने के बाद फिल्म देखने वाले दर्शकों, रेडियो श्रोताओं के साथ-साथ फिल्म निर्माताओं ने पूछना शुरू कर दिया कि ये लड़की कौन है जिसने प्लेबैक किया है? इसके बाद मुझे रेडियो स्टेशनों से उनके लिए गाने के लिए रिक्वेस्ट आने लगी थी.
जब लता जी से पूछा गया कि क्या आप फिल्म के क्रेडिट टाइटल और रिकॉर्ड लेबल पर एक्नॉलेजमेंट मांगने में शर्माती थीं? तब उन्होंने कहा, क्या मैं आपको शर्मीली लगती हूं? बिना किसी झिझक के मैंने राज कपूर से सभी प्लेबैक सिंगर को सही क्रेडिट देने की बात कही थी. जब हम हीरो-हीरोइन के लिए गाते हैं, तो हमारे बजाय उनके कैरेक्टर के नामों का जिक्र क्यों किया जाना चाहिए? हसरत जयपुरी और शैलेंद्र के गीतों को निश्चित रूप से स्वीकार किया गया था. राज कपूर ने तुरंत सहमति दी और बरसात में नरगिस, निम्मी और खुद लिप सिंक किए गए गानों के क्रेडिट पर नाम दिया गया. पहली बार बरसात के क्रेडिट टाइटल और रिकॉर्ड में लता मंगेशकर और मुकेश माथुर के नाम प्रमुखता से थे. नौशाद ने बिना पूछे ही अंदाज (1949), जादू (1949) और दुलारी (1951) के प्लेबैक सिंगर के नाम दिखाए. मुझे लगता है कि हम इसके हकदार थे.
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