वाराणसी के ज्ञानवापी (Gyanvapai) के तर्ज पर लखनऊ में भी मस्जिद (Lucknow Mosque Controversy) को लेकर विवाद शुरू हो चुका है. हिंदू संगठनों के दावों की बात करें तो उनका मानना है कि जहां पर टीले वाली मस्जिद है, वहां पर हिंदुओं का धर्म स्थल "लक्ष्मण टीला" हुआ करता था, जिसको मुगल शासकों ने गिरवाकर मस्जिद का निर्माण कराया था.
अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने इस नए विवाद पर अपना आंदोलन तेज करते हुए 22 मई को 'लक्ष्मण टीला मुक्ति संकल्प यात्रा" निकालने की रूपरेखा तैयार की थी, लेकिन प्रशासन की चौकसी के चलते ये यात्रा नहीं हो पाई थी.
मस्जिद के मालिकाना हक की मांग कर रहा हिंदू पक्ष
हिंदू पक्ष की मांग है कि उन्हें टीले वाली मस्जिद का मालिकाना हक और उसके अंदर दर्शन पूजन की अनुमति दी जाए. अपनी मांगों को लेकर वे कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं. क्विंट हिंदी से बातचीत के दौरान अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि इस मामले में सबूतों के आधार पर और संविधान के दायरे के अंदर कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी.
भारी संख्या में पुलिस बल तैनात
ज्ञानवापी के तर्ज पर लखनऊ में भी संवेदनशील धार्मिक स्थल पर उपजे इस विवाद पर दोनों पक्ष के आमने-सामने आने से स्थानीय प्रशासन सकते में है. कथित रूप से लोगों से अपील की गई है कि वे मस्जिद में जुमे की नमाज के लिए भारी संख्या में पहुंचें और वहीं पर नमाज अदा करें.
प्रशासन ने सावधानी बरतते हुए, शुक्रवार, 27 मई को होने वाले जुमे की नमाज से पहले सुरक्षा के लिहाज से टीले वाली मस्जिद पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.
सोशल मीडिया पर पोस्टर वायरल
सोशल मीडिया पर जुमे की नमाज को लेकर एक पोस्टर भी वायरल हो रहा है जिसमें दरख्वास्त की जा रही है कि लोग टीले वाली मस्जिद पर ही नमाज अदा करें. इसको लेकर अभी स्थानीय पुलिस प्रशासन ने अभी तक कुछ नहीं कहा है,लेकिन अपनी चैकसी बढ़ा दी है.
देश में धार्मिक स्थलों को लेकर ये एकलौता विवाद नहीं है बल्कि अब तक ऐसे कई बीते कुछ समय में जोर पकड़ चुके हैं. इसी तरह के दावे वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर भी किए गए हैं. ये मामला फिल्हाल कोर्ट में है.
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