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MP Election C Voter: कांग्रेस-BJP में इस बार भी कांटे की टक्कर, बढ़ेगा वोट शेयर

C Voter Poll के अनुसार, अनुमान है कि कांग्रेस 114 सीटों को बरकरार रखेगी, जबकि बीजेपी 112 सीटें जीत सकती है.

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MP Election C Voter Survey: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Elections 2023) में होने वाले विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, राज्य की दो प्रमुख पार्टियां बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) की तैयारियां जोरों पर हैं. इस बीच चुनाव को लेकर ओपियन पोल भी आने शुरू हो गए हैं. पोलिंग एजेंसी सी वोटर (C Voter) के ताजा पोल में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है. पिछले चुनाव (2018) भी दोनों के बीच कांटे की टक्कर रही.

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बीजेपी की सीटें बढ़ने का अनुमान

2018 के चुनाव में, बीजेपी ने 109 सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस 230 सीट वाली विधानसभा में 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी.

पिछले चुनाव में कांग्रेस को 40.9 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि बीजेपी को कांग्रेस से ज्यादा यानी 41 प्रतिशत वोट मिले थे.

सी वोटर पोल के अनुसार, 2023 के चुनावों में कांग्रेस और बीजेपी दोनों के वोट शेयर में बढ़ोतरी होने का अनुमान है. दोनों पार्टियों को 44 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है.

इसके अलावा राज्य में बहुजन समाज पार्टी के वोट शेयर में गिरावट का अनुमान है. बीएसपी का वोट शेयर 5 प्रतिशत से घटकर 2 प्रतिशत होने का अनुमान है, जो पार्टी के लिए नुकसान है.

सी वोटर पोल के अनुसार, यह भी अनुमान लगाया गया है कि कांग्रेस पिछले चुनाव की तरह अपनी 114 सीटों को बरकरार रखेगी, जबकि बीजेपी की सीटों में बढ़ोतरी का अनुमान है यानी बीजेपी 112 सीटें जीत सकती है.

वहीं सर्वे का अनुमान है कि वोट शेयर कम होने के बावजूद बीएसपी पिछली बार की तरह ही दो सीटें जीतेगी.

एक नजर में - सी वोटर सर्वे

  • बीजेपी: 106-118

  • कांग्रेस: 108-120

वहीं मध्य प्रदेश के क्षेत्रों के अनुसार पोल पर नजर डालें तो:

मालवा

बीजेपी: 23-27

कांग्रेस: 18-22

निमाड़

बीजेपी: 11-15

कांग्रेस: 11-15

बघेलखंड

बीजेपी: 21-25

कांग्रेस: 30-34

महाकौशल

बीजेपी: 20-24

कांग्रेस: 18-22

भोपाल क्षेत्र

बीजेपी: 18-22

कांग्रेस: 3-7

चंबल

बीजेपी: 7-11

कांग्रेस: 22-26

एमपी में बहुमत का आंकड़ा 116 है, 2018 के चुनाव में कांग्रेस को बहुमत से दो सीटें कम मिली थी इसके बावजूद कांग्रेस ने बीएसपी, समाजवादी पार्टी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई थी.

हालांकि, सालभर बाद ही 22 विधायकों के साथ पूर्व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए थे, जिससे कांग्रेस सरकार गिर गई थी और बीजेपी फिर सत्ता पर काबिज हुई थी.

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