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जिस रेमडेसिविर के लिए मचा था हाहाकार, MP के अस्पताल में रखे-रखे हुए बेकार

राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में दूसरी लहर में आए 600 रेमडेसिविर इंजेक्शन रखे-रखे एक्सपायर हो गए

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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित हमीदिया अस्पताल में कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर में खरीदे गए 600 रेमडेसिविर इंजेक्शन एक्सपायर हो चुके हैं. ये वही इंजेक्शन हैं जिनके लिए कोरोना की दूसरी लहर के समय हाहाकार मचा था. अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि इंजेक्शनों की जरूरत ही नहीं पड़ी. इससे पहले इसी अस्पताल से सैकड़ों इंजेक्शन चोरी हो गए थे.

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6 हजार इंजेक्शन मरीजों को नहीं मिल सके, अब एक्सपायर

कोरोना की दूसरी लहर में देश भर में रेमडेसिविर इंजेक्शनों की किल्लत थी. इसी दौरान हमीदिया अस्पताल में दूसरी लहर में खरीदे गए 600 रेमडेसिविर इंजेक्शन सितंबर के पहले सप्ताह में एक्सपायर मिले. हमीदिया अस्पताल के सुप्रीटेंडेंट डॉ. लोकेंद्र दबे ने क्विंट से बातचीत में कहा कि इंजेक्शन एक्सपायर होने के मामले में जांच की कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि इंजेक्शनों की जरूरत नहीं पड़ी इसलिए रखे-रखे एक्सपायर हुए हैं.

इंजेक्शन जून के महीने में आए थे. इस मामले में जांच जैसा कुछ नहीं है. क्योंकि इंजेक्शनों की जरूरत ही नहीं पड़ी.
डॉ. पीके. दबे, सुप्रीटेंडेंट, हमीदिया अस्पताल

क्या सचमुच रेमडेसिविर इंजेक्शनों की जरूरत नहीं थी?

भोपाल के रहने वाले सबील खान बताते हैं कि जून में उनके पिता कोरोना संक्रमण के चलते निजी अस्पताल में भर्ती थे. डॉक्टर ने रेमडेसिविर इंजेक्शन लाने को कहा. सभी सरकारी अस्पतालों में पता किया इंजेक्शन नहीं मिला. आखिरकार एक प्राइवेट मेडिकल से 30 हजार में 6 इंजेक्शन खरीदे.

फ्री में रेमडेसिविर इंजेक्शन? उस वक्त तो इतनी किल्लत थी कि फ्री क्या पैसे देकर भी इंजेक्शन काफी मशक्कत के बाद मिल रहे थे. हर सरकारी अस्पताल में ट्राय किया, नहीं मिला. आखिरकार एक प्राइवेट मेडिकल शॉप में जाकर 30 हजार में इंजेक्शन खरीदे, उस वक्त सुन रहे थे लोग लाखों में भी खरीद रहे हैं. पिता की जान बचाता या पैसों का मुंह देखता.
सबील खान
दूसरी लहर के दौरान रेमडेसिविर की भारी मांग के बीच WHO ने ही बयान जारी कर कहा था कि रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना के प्रभाव को कम करने में कारगर साबित नहीं हुए हैं. हालांकि, इससे पहले WHO ने ही रेमडेसिविर के आपात इस्तेमाल को सही बताया था.

सरकार ने हेलीकॉप्टर से प्रदेश भर में पहुंचाए थे इजेक्शन

कोरोना की दूसरी लहर के वक्त मध्यप्रदेश सरकार ने हेलीकॉप्टर से ये इंजेक्शन प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पहुंचाए थे. अप्रैल महीने में सीएम शिवराज ने हेलीकॉप्टर से पहुंचाए गए इंजेक्शनों के वीडियो कई बार ट्वीट किए थे.

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हमीदिया अस्पताल में रेमडेसिविर को लेकर लापरवाही का ये पहला मामला नहीं

भोपाल के हमीदिया अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर लापरवाही का ये पहला मामला नहीं है. जिस वक्त कोरोना मरीज रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत झेल रहे थे, उसी वक्त अस्पताल से 850 रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी हो गए थे.

17 अप्रैल, 2021 को कोरोना के गंभीर मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए जाने थे. इंजेक्शन लगाने के लिए जब स्टोर रूम का वो कमरा खोला गया, जहां इंजेक्शन रखे गए थे तो पता चला कि सभी 850 इंजेक्शन चोरी हो गए हैं. जिला प्रशासन ने एक दिन पहले ही 16 अप्रैल, 2021 को ये इंजेक्शन अस्पताल प्रबंधन को उपलब्ध कराए थे.

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यहां लापरवाही की कहानी सिर्फ रेमडेसिविर तक सीमित नहीं

हमीदिया अस्पताल में लापरवाही की कहानी सिर्फ रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी होने या रखे-रखे एक्सपायर हो जाने तक सीमित नहीं है. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी महीने हमीदिया अस्पताल में न्यूक्लियर विभाग में लंबे समय से बंद गामा कैमरा कक्ष से एसी का आउटर चोरी हो गया. लंबे समय से गामा कैमरा बंद हैं, जिनके मेंटेनेंस की कार्रवाई हो रही है.

इस बीच उपकरणों की जांच में पता चला कि गामा कैमरा के कक्ष में लगे एसी का बाहर लगा आउटर ही नहीं है. इससे पहले अस्पताल के डी-ब्लॉक से सोनोग्राफी में इस्तेमाल होने वाला 2 लाख की कीमत वाला प्रोब गायब हो गया था. ताज्जुब ये है कि इन सभी घटनाओं के बाद भी उस कंपनी पर कोई एक्शन अब तक नहीं हुआ है जिसके पास हमीदिया अस्पताल की सिक्योरिटी का ठेका है.

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