मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के झाबुआ (Jhabua) में रविवार, 21 जनवरी को कुछ लोग 'जय श्री राम' का नारा लगाते हुए एक चर्च की शीर्ष पर चढ़ गए और उन्होंने भगवा झंडा लगा दिया. एक वायरल वीडियो में कुछ लोगों को इमारत पर चढ़ते और ईसाई क्रॉस (Jhabua Church) पर एक झंडा लगाते हुए देखा जा सकता है. भगवा झंडे पर अयोध्या राम मंदिर की तस्वीर और 'जय श्री राम' लिखा हुआ है. यह घटना अयोध्या के राम मंदिर में 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह से एक दिन पहले रविवार, 21 जनवरी को हुई थी.
द क्विंट से बात करते हुए चर्च के पादरी नरबू अमलियार ने कहा कि रविवार की प्रार्थना पूरी होने के ठीक बाद लोगों का समूह नारे लगाते हुए पहुंचा.
उन्होंने कहा कि, “यह लगभग दोपहर 3 बजे हुआ जब हमने अपनी रविवार की प्रार्थना पूरी की थी. ये लोग 'जय श्री राम' चिल्लाते हुए कहीं से आ गए. वहां कम से कम 25 आदमी थे, और उनमें से कुछ झंडे के साथ चर्च के टॉप पर चढ़ गए."
यह चर्च झाबुआ जिले के राणापुर के दबतलाई गांव में है. पादरी ने कहा कि वह उन लोगों को पहचानते हैं, क्योंकि वे पड़ोसी गांव के हैं.
उन्होंने कहा कि, “मैंने उन्हें पहचान लिया था. मैं उनमें से कुछ के नाम भी जानता हूं. मैंने उन्हें समझाने की कोशिश की कि ये सही नहीं है. मैंने उनसे कहा कि हम यहां सिर्फ प्रार्थना करने वाले लोग हैं और हमें परेशान ना करें, लेकिन उन्होंने सुनने से इनकार कर दिया, मुझे समझ नहीं आया कि क्या हो रहा है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ."
'अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई': पुलिस
द क्विंट से बात करते हुए झाबुआ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अगम जैन ने कहा कि अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि:
“हमारी टीम ने रविवार शाम को साइट का दौरा किया. हमने पूछा कि क्या हुआ. यह एक व्यक्ति का घर था, जिसे वह प्रार्थना के लिए इस्तेमाल करता है, यह कोई चर्च नहीं है. इसलिए हमने संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज नहीं की. वह व्यक्ति शिकायत दर्ज नहीं करना चाहता था, इसलिए अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है."
हालांकि पादरी ने इस बात से इनकार किया कि यह उनका घर है. उन्होंने कहा कि, “यह एक चर्च है जिसे मैंने 2016 में शुरू किया था. हर रविवार, 30-40 लोग यहां प्रार्थना के लिए आते हैं. यह पूजा का स्थान है. मेरा घर अलग है."
हालांकि, उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि उन्होंने अभी तक शिकायत दर्ज नहीं कराई है. उन्होंनें कहा कि, “उन लोगों ने बाद में मुझसे माफी मांगी. इसलिए मैंने अब तक ये तय नहीं किया है कि मुझे शिकायत दर्ज करना चाहिए या नहीं. मैं अपने गांव के सरपंच से चर्चा करूंगा और फिर फैसला लूंगा."
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