मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के राजगढ़ से एक मामला सामने आया है, जिस में दलित समाज की शादी के समारोह में भोजन करने पर दूसरे समाज के युवक को सजा सुनाई गयी. उस पर 5100 रुपए का जुर्माना लगाया गया, साथ ही उसको मुंडन व स्नान कराने का भी फरमान सुनाया गया. इसके खिलाफ दलित समाज ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और फैसला ना वापस लेने पर हिन्दू धर्म छोड़ने की धमकी तक दे दी. बाद में यह तुगलकी फरमान उक्त समाज के लोगों ने वापस ले लिया.
क्या है पूरा मामला
मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में छूत-अछूत जैसा एक तुगलकी फरमान का मामला सामने आया है, जिसमें एक अन्य समाज के युवक का दलित समाज के शादी समारोह में खाना-खाने पर उसे आर्थिक दंड के साथ समाज से बाहर का रास्ता दिखाने की भी बात कही गई. इसके विरोध में दलित समाज के द्वारा माचलपुर थाना प्रभारी को शिकायती आवेदन किया गया. साथ ही दलित समाज ने सम्बन्धित समाज-जनों के विरुद्ध कार्यवाई करने की मांग की. कार्रवाई न होने पर हिन्दू धर्म छोड़ने की बात तक कह डाली.
5100 रुपये का लगाया था जुर्माना
राजगढ़ जिले के माचलपुर थाना क्षेत्र का है जंहा एक युवक के द्वारा दलित समाज के शादी समारोह में भोजन किया था. इसका फोटो सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा था. इसके बाद युवक को उसके समाज के लोगों ने सजा सुनाई जिसमें उसे 5100 रुपये जुर्माना, शिप्रा नदी में स्नान व बाल कटवाने का फरमान सुना दिया गया. मालाकार समाज के उक्त फैसले के विरोध में शनिवार को वाल्मिकी समाज के द्वारा माचलपुर थाना प्रभारी को शिकायती आवेदन सौंपा गया, जिसमे कहा गया कि,
"इस घटनाक्रम से वाल्मीकि समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची है और समाज अपने आप में अपमानित महसूस कर रहा है, समस्त वाल्मीकि समाज के द्वारा एक दिवसीय सफाई कार्य बंद कर उक्त समाज के व्यक्तियों पर कार्रवाई की मांग करता है. यदि 3 दिवस में संबंधितों पर कार्रवाई नहीं की गई तो समस्त सफाई कार्य बंद कर दिया जाएगा, और हिन्दू धर्म से पलायन करने पर समाज मजबूर होगा."
वापस लिया गया फरमान
वहीं देर शाम तक पुलिस ने उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों ही पक्षो को थाने पर बुलाकर बात की, जिस पर मालाकर समाज के लोगों ने अपना फैसला वापस लेने की बात कही. वाल्मीकि समाज ने इसे स्वीकार किया और अपनी शिकायत भी वापस ली.
उक्त मामले को लेकर माचलपुर थाना प्रभारी जितेंद्र अजनारे से बात की गई तो उन्होंने बताया कि, वाल्मीकि समाज के लोगों के द्वारा आवेदन दिया गया था कि उनके यहां शादी के कार्यक्रम में माली समाज के एक व्यक्ति ने खाना खाया था तो समाज के द्वारा उस पर अर्थदंड लगाया गया था, जिस पर दोनों ही पक्षों के लोगों को थाने में बुलाकर बातचीत की गई. लिखित में दिया गया कि उक्त शिकायती आवेदन पर वे कोई कार्रवाई नहीं चाहते.
(इनपुट- अब्दुल वसीम अंसारी)
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