अपनी गुणवत्ता को लेकर पिछले साल काफी वक्त तक सवालों से घिरी रही नेस्ले मैगी एक बार फिर जांच में नाकाम हो गई है. पिछले साल की तरह इस बार भी उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में ही ये नमूने जब्त किए गए हैं.
जिले के मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनोज कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि खाद्य व औषधि प्रशासन ने जिले में एक अभियान के तहत गत 5 फरवरी को बाराबंकी के सफेदाबाद कस्बे में एक जनरल स्टोर से मैगी नूडल्स के नमूने लिए थे.
मनोज ने बताया,
जांच में नमूने मानक के विपरीत पाए गए हैं. नियमानुसार मैगी मसाले की राख की मात्रा एक फीसद होनी चाहिए, मगर जांच में यह मात्रा 1.85 प्रतिशत पाई गई
यह रिपोर्ट लखनऊ बेस्ड एक प्रयोगशाला में जांच के बाद 26 फरवरी को जारी की गई. मनोज ने बताया कि अब संबंधित विक्रेता और नेस्ले कंपनी को नोटिस भेजा जाएगा. अगर वे इस जांच से असंतुष्ट हैं, तो अपने खर्च पर नमूने को रेफरल लैब में भेज सकते हैं और वहां की रिपोर्ट अंतिम मानी जाएगी.
उन्होंने बताया कि अगर एक महीने के अंदर जांच के लिए कंपनी के विक्रेताओं की तरफ से कोई अर्जी नहीं आएगी, तो अपर जिलाधिकारी न्यायालय में मुकदमा दायर कराया जाएगा. इस मामले में पांच लाख रुपए तक का जुर्माना भी किया जा सकता है.
गौरतलब है कि पिछले साल भी बाराबंकी में ही मैगी के नमूनों में स्वास्थ्य के प्रति हानिकारक तत्व पाए गए थे. उसके बाद नेस्ले के इस उत्पाद की बिक्री रोक दी गई थी.
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