अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (ABAP) के महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की मौत की जांच अब सीबीआई करेगी. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबि, सीबीआई ने इसके लिए एक टीम का भी गठन किया है.
नरेंद्र गिरि 20 सितंबर को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के आश्रम में मृत पाए गए थे. 22 सितंबर को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौत के मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.
इससे पहले प्रयागराज पुलिस ने हाई प्रोफाइल 'सुसाइड' केस की जांच के लिए 18 सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया था. SIT का नेतृत्व प्रयागराज में सर्कल ऑफिसर (IV) अजीत सिंह चौहान कर रहे थे.
प्रारंभिक जांच में एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें महंत के शिष्य आनंद गिरी के साथ-साथ दो अन्य लोगों पर आरोप लगाया गया है. 13 पन्नों के इस सुसाइड नोट में आनंद गिरि पर नरेंद्र गिरि को बदनाम करने के लिए एक मॉर्फ्ड तस्वीर का इस्तेमाल करने की योजना बनाने का आरोप लगाया गया है.
आरोपी आनंद गिरि को 14 दिन की न्यायिक हिरासत
आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी आनंद गिरि और आद्या तिवारी को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. मेडिकल जांच के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया था.
आनंद गिरि ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया है और कहा, "ये उन लोगों द्वारा एक बड़ी साजिश है जो गुरुजी से पैसे वसूल करते थे और नोट में मेरा नाम लिख दिया है. इसकी जांच की जानी चाहिए क्योंकि गुरुजी ने अपने जीवन में एक भी पत्र नहीं लिखा है और वो अपनी जान नहीं ले सकते. उनकी लिखावट की जांच होनी चाहिए."
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