अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महात्मा फुले ने लड़कियों के लिए स्कूल खोले और कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ आवाज उठाई। फुले ने जल संकट से निजात दिलाने के लिए बड़े अभियान भी चलाए।
प्रधानमंत्री ने आगे ज्योतिराव फुले की पत्नी सावित्रीबाई फुले का उल्लेख किया, (जिन्होंने कई सामाजिक संस्थाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई), एक शिक्षिका और एक समाज सुधारक के रूप में, उन्होंने समाज को जागरूक और प्रोत्साहित किया। उन्होंने मिलकर सत्यशोधक समाज की स्थापना की, उन्होंने लोगों के सशक्तिकरण के लिए प्रयास किए और हम बाबासाहेब अम्बेडकर के काम में महात्मा फुले के प्रभाव को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं, जो कहते थे कि किसी भी समाज के विकास का आकलन उस समाज में महिलाओं की स्थिति को देखकर किया जा सकता है।
महात्मा फुले, सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब अम्बेडकर के जीवन से प्रेरणा लेते हुए मोदी ने सभी माता-पिता और अभिभावकों को स्कूलों में लड़कियों के नामांकन को बढ़ाने के लिए अपनी बेटियों की शिक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव भी कुछ दिनों पहले शुरू किया गया है, जिसमें उन लड़कियों को स्कूल वापस लाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो किसी कारण से अपनी पढ़ाई छोड़ चुकी हैं।
उन्होंने मन की बात के श्रोताओं से महात्मा फुले, सावित्रीबाई फुले और बाबासाहेब अंबेडकर से जुड़े स्थानों पर जाने का भी आग्रह किया। आपको वहां बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
आने वाले नवरात्रि, गुड़ी पड़वा और रमजान के त्योहारों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों से सभी को एक साथ जोड़कर और भारत की विविधता को मजबूत करते हुए इन त्योहारों को मनाने का आग्रह किया।
--आईएएनएस
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