पश्चिम बंगाल में सेना की तैनाती को लेकर सीएम ममता बनर्जी के हंगामे के बाद शुक्रवार को रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने सफाई पेश की. उन्होंने लोकसभा में कहा, ''सेना को राजनीति में घसीटना गलत है, यह उनका रुटीन अभ्यास था.''
मनोहर पर्रिकर ने बताया कि यह अभ्यास कई साल से होता आ रहा है. साल 2015 में भी 19 और 21 नवंबर को ऐसा ही अभ्यास किया गया था.
इस साल भी संबंधित अधिकारियों को अभ्यास की जानकारी थी. पहले अभ्यास की तारीख 28, 29 और 30 दिसंबर थी. बाद में पुलिस की सलाह के बाद तारीख 1 दिसंबर और 2 दिसंबर की गई.मनोहर पर्रिकर, रक्षामंत्री
रक्षामंत्री ने इस बात पर अफसोस भी जताया कि एक रुटीन अभ्यास को विवाद का मुद्दा बना दिया गया.
सेना का बयान- सारे आरोप निराधार
सेना की तरफ से भी इस मामले में सफाई पेश की गई है. बंगाल रेजिमेंट के मेजर जनरल सुनील यादव ने कहा कि इस बारे में लग रहे सारे आप निराधार हैं. उन्होंने बताया कि अभ्यास की जानकारी प्रशासन को थी और पिछले साल भी उन्हीं जगहों पर अभ्यास किया गया था, जहां इस बार किया गया है.
दरअसल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती से नाराज होकर सचिवालय में धरने पर बैठ गई थीं. उन्होंने टोल प्लाजा पर अचानक सेना की मौजूदगी को 'आपातकाल' करार दिया था.
यह भी पढ़ें:
बंगाल में अचानक सेना की मौजूदगी पर ममता ने कहा ‘यह इमरजेंसी है’
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)