इंफाल, 24 मार्च (आईएएनएस)| मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह द्वारा कर्मचारियों को चेतावनी देने के बावजूद मणिपुर में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल शनिवार को तीसरे दिन भी जारी रही जिस वजह से यहां सरकारी काम-काज ठप रहा।
सिंह ने शुक्रवार रात को कर्मचारियों को सोमवार तक काम पर लौट आने का आग्रह किया था, ऐसा न करने पर उन्होंने कहा था कि 'सरकार को उनके कार्यो के लिए दूसरे व्यक्तियों की तलाश करनी पड़ेगी।'
सरकार की स्थिति के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के बाद राज्य के 85,000 कर्मचारियों व 45,000 पेंशनधारियों को भुगतान करने से राज्य सरकार पर 1400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। मणिपुर ज्यादातर केंद्र सरकार की उदारता पर निर्भर है।
उन्होंने कर्मचारियों को काम पर लौटने का आग्रह करते हुए कहा, 31 मार्च को वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले राशि को विभिन्न विकास कार्यो के लिए अनुमोदित करना है।
यह अनिश्चितकालीन हड़ताल संयुक्त प्रशासनिक परिषद (जेएसी) की अगुवाई में गुरुवार को मणिपुर ट्रेड यूनियन काउंसिल और अखिल मणिपुर सरकारी कर्मचारी संगठन ने बुलाई है। जेएसी ने कर्मचारियों और पेंशनधारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा लागू नहीं होने पर यह कदम उठाया है।
कर्मचारियों का कहना है कि मणिपुर को छोड़कर सभी 19 भाजपा शासित राज्यों में सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा लागू कर दी गई है।
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