ADVERTISEMENTREMOVE AD

मोदी ने वैज्ञानिकों से मांगा कृषि में एआई, ब्लॉकचेन के उपयोग पर सुझाव

मोदी ने वैज्ञानिकों से मांगा कृषि में एआई, ब्लॉकचेन के उपयोग पर सुझाव

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

 गांधीनगर, 28 जनवरी (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ब्लॉकचेन और ड्रोन टेक्नोलोजी जैसी आधुनिक प्रौद्योगिक के बेहतर इस्तेमाल पर वैज्ञानिकों से सुझाव मांगा है।

  गुजरात की राजधानी गांधीनगर में आयोजित तीसरे विश्व आलू सम्मेलन-2020 को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए मंगलवार को मोदी ने कहा कि आने वाले युग में खेती के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल अहम साबित हो सकता है।

प्रधानमंत्री ने आलू सम्मेलन में पहुंचे वैज्ञानिकों से कहा, "कृषि क्षेत्र में आर्टिशिफिशियल इंटेलीजेंस, ब्लॉकचेन, ड्रोन टेक्नोलोजी जैसी हर नई टेक्नोलोजी का कैसे बेहतर उपयोग हो सकता है, इस पर आपके सुझाव और समाधान किसानों के लिए और आने वाले युग की खेती के लिए अहम होंगे।"

मोदी ने कहा कि किसानों की लागत कम करने और ग्लोबल मार्केट में भारतीय किसानों की ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित करने का सरकार का प्रयास तभी सफल होगा जब वैज्ञानिक खराब हो जाने वाली सब्जियों को खराब होने से बचाने के लिए किफायती समाधान देंगे।

उन्होंने कहा, "सरकार के ये प्रयास तभी सफल होंगे जब आप जैसे वैज्ञानिक और अनुसंधानकर्ता पेरिशबल वेजिटेबल्स को और अधिक सस्टेनेबल बनाने के लिए एफोर्डेबल सॉल्युशंस तैयार करेंगे। आने वाले दशकों की चुनौतियों को देखते हुए प्रोडक्टिविटी, एफोर्डेबिलिटी और किसानों को उचित दाम मिले, इसके लिए समाधान तैयार करने होंगे। हम सबको मिलकर इस दिशा में जाना होगा।"

उन्होंने कहा, "इसके लिए हमें ऐसे बीज तैयार करने होंगे जो पानी का इस्तेमाल कम करें, जो अधिक पोषक भी हो और उनके लाइफ और प्रोडक्टिविटी भी ज्यादा हो। हमारा प्रयास होना चाहिए कि बीज की कीमत भी कम हो और उससे जुड़ा इनपुट कॉस्ट भी कम हो।"

गांधीनगर में आयोजित तीन दिवसीय विश्व आलू सम्मेलन में दुनियाभर के कृषि वैज्ञानिक व अनुसंधानकर्ता पहुंचे हैं।

सम्मेलन का आयोजन इंडियन पोटेटो एसोसिएशन (आईपीए), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और आईसीएआर के तहत आने वाले शिमला स्थित केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान व पेरु के इंटरनेशनल पोटेटो सेंटर के सहयोग से किया गया है।

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×