चेतावनी: इस खबर में बलात्कार, हत्या और आत्महत्या का उल्लेख है, यदि आप आत्महत्या करने का विचार कर रहे हैं या किसी को जानते हैं जो संकट में है, तो कृपया स्थानीय आपातकालीन सेवाओं, हेल्पलाइन और मानसिक स्वास्थ्य एनजीओ के इन नंबरों पर कॉल करें।)
"वो मुंबई से प्यार करती थी; वो अपनी पढ़ाई के बाद यहां काम करना चाहती थी. वो मुझसे कहती थी, 'पापा, चलो यहां एक घर ले लेते हैं', लेकिन अब, शहर ने उसे मुझसे छीन लिया है.
मामला ,सपनों की नगरी मुबंई शहर (Mumbai Rape Case) का है, जहां एक हॉस्टल में मंगलवार 6 जून को एक लड़की का शव पाया गया. 18 साल की लड़की मुबंई शहर में कंप्यूटर इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स कर रही थी, लड़की के पिता ने द क्विंट को बताया हॉस्टल के चौकीदार (ओम प्रकाश कनौजिया) ने कथित रूप से लड़की का बलात्कार कर हत्या की. वहीं छात्रावास में 35 वर्षीय चौकीदार आरोपी ओम प्रकाश कनौजिया भी पास के एक रेलवे ट्रैक पर मृत पाया गया. पुलिस ने कहा कि मंगलवार सुबह 4.44 बजे हॉस्टल से निकलने के कुछ मिनट बाद ही उसने आत्महत्या कर ली.
लड़की की मौत ने छात्रावास के में रहने वालों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठाए हैं - सीसीटीवी कैमरों की कमी और छात्रावास की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में पुरुष कर्मचारियों की भागीदारी से लेकर नैतिक पुलिसिंग तक.
लड़की के पिता के मुताबिक, कनौजिया पिछले 15 दिनों से लड़की को 'परेशान' कर रहा था. "वह उसके कमरे में जाता था और उससे पूछता था कि क्या लाइट सही से जल रही हैं, पंखा चल रहा है, उसे कोई समस्या तो नहीं है. 'तुम कहां जा रही हो? तुम किससे मिल रही हो?' चौकीदार लड़की से यह सवाल भी पूछता था.
वॉर्डन ने नहीं लिया एक्शन
लड़की के पिता, जो अकोला के एक स्थानीय समाचार पत्र में काम करते हैं, ने द क्विंट को बताया कि उनकी बेटी पढ़ाई में बहुत अच्छी थी इसीलिए उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ने के लिए मुंबई भेजा था.
"हम गरीब हैं, लेकिन जब मैं पुलिस के साथ उसके हॉस्टल में गया, तो मैंने कम से कम 10-15 अंग्रेजी किताबें देखीं, उसकी दीवार पर तितलियों और डोरेमोन के चित्र थे, अगर वो जिंदा रहती तो कई जगह जाती". लड़की के पिता ने कहा-
"जब उसने मुझे उत्पीड़न के बारे में बताया, तो मैंने उससे कहा कि चिंता न करें क्योंकि यह सब तो हॉस्टल में होता ही है. मैंने उससे कहा कि वॉर्डन को इन सबके बारे में सूचित करें और अगले हफ्ते जब मैं हॉस्टल आऊंगा तो मैं उससे बात करूंगा. लड़की ने पिता के कहने पर वॉर्डन से मौखिक रूप से,शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई,” .
डर कर पिता को करती थी फोन
पुलिस के अनुसार, वह उस समय पूरे फ्लोर पर अकेली थी, क्योंकि ज्यादातर लड़कियां परीक्षा के बाद घर चली गई थी. पिता ने कहा- "कभी-कभी, वह मुझे रात के 1 बजे फोन करती थी, मुझसे पूछती थी कि क्या मैं सो गया था, कहती थी 'पापा, मुझे नींद नहीं आ रही. वो कहती थी कि उसको समझ नहीं आता था कि उस समय और किसको फोन करना चाहिए. पिता ने कहा उस समय हमें नहीं पता था कि वो डरी हुई है और पूरे फ्लोर पर अकेली है".
हॉस्टल ने सूचना तक नहीं दी
पिता ने दावा किया कि हॉस्टल की वॉर्डन वर्षा भंडारे को लड़की की मौत के बारे में तब तक पता नहीं चला जब तक उसके कमरे में जाने के लिए नहीं कहा.
उस दिन के बारे में द क्विंट से बात करते हुए पिता ने कहा-
"मैंने अपनी बेटी से आखिरी बार 5 जून को रात 9 बजे बात की थी. मुझे अगले दिन सुबह उसका फोन नहीं आया, जो अजीब था, क्योंकि वो मुझे हर दिन सुबह 8 बजे ही फोन करती थी. 6 जून को दोपहर तक, उसकी मां और मैंने उसे करीब 50 बार फोन कर लिया था."
पिता ने लड़की की एक दोस्त से संपर्क किया, दोस्त लड़की के कमरे में उसको देखने के लिए गई और उसने देखा कि कमरा बाहर से बंद है. इसके बाद उसने वॉर्डन को सूचना दी.
"पुलिस के अनुसार, मेरी लड़की की मृत्यु रात 3 बजे के बाद हुई थी, इस के अनुसार वो 12 घंटे से अधिक समय से उस कमरे में पड़ी थी, क्या वॉर्डन सो रही थी?" वॉर्डन वर्षा भंडारे के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए उन्होंने कहा, "हम तब तक मुंबई नहीं छोड़ेंगे, जब तक मेरी बेटी को न्याय नहीं मिल जाता."
'चौकीदार कनोजिया की हॉस्टल में पूरी पहुंच थी'
पुलिस के मुताबिक कनौजिया पिछले 15 साल से हॉस्टल में धोबी और चौकीदार के तौर पर काम कर रहा था. यह स्पष्ट नहीं है कि उसे सीधे हॉस्टल प्रशासन ने नियुक्त किया था या किसी एजेंसी के माध्यम से नियुक्ति हुई थी. रात में हॉस्टल का आंतरिक गेट बंद कर दिया जाता था, और पुलिस के अनुसार, कनौजिया हॉस्टल के पीछे एक पाइपलाइन पर चढ़ कर पहली मंजिल पर पहुंच गया,और चौथी मंजिल पर पहुंच गया जहां लड़की अकेली थी.
TOI के अनुसार, उसने दरवाजे के ऊपर एक छेद के माध्यम से लड़की के कमरे की कुंडी खोली. पुलिस ने कहा, "उसकी चप्पलें पाइप के पास पड़ी मिलीं, पाइपलाइन उस जगह के पास है, जहां कनौजिया कपड़े धोने का काम करता था और उस जगह कोई सीसीटीवी कैमरा भी नहीं था."
हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों का भी कहना है कि कनोजिया कभी भी हॉस्टल में आ जाता था, यहां तक कि उसकी वजह से उन लोगों की निजता को भी खतरा था.
बाकी लड़कियां भी थी परेशान
एक लड़की जो पीड़िता के साथ रहा करती थी उसने बताया "प्रकाश भैया किसी भी समय किसी भी मंजिल पर हॉस्टल में घूमते रहते थे. जब मैं पहली बार पिछले साल अक्टूबर में हॉस्टल गई, तो मुझे नहीं पता था कि उन्हें हॉस्टल में घूमने की अनुमति है. मैंने एक दिन अपना दरवाजा खुला रखा था और अचानक, वो मेरे दरवाजे के बाहर खड़े होकर कहा. 'दरवाजा बंद रखो करो',
उसने कहा कि कनौजिया सभी के साथ दोस्ताना व्यवहार करते थे, "लेकिन वो हमारी निजी जीवन में बहुत हस्तक्षेप करते थे." उन्होंने द क्विंट को बताया, "वो मेरी रूममेट से पूछते थे कि वो हर वक्त फोन पर क्यों रहती हैं. जल्द ही, हमने उनसे किसी भी तरह की बातचीत से बचने के लिए उनसे आंखें मिलाना बंद कर दिया था."
एक वकील और हॉस्टल की एक पूर्व निवासी, जो अपना नाम नहीं बताना चाहती थी, ने द क्विंट को बताया कि वो कनौजिया को पांच साल से जानती है - और ये घटना अकेले नहीं हुई थी. "वो वॉर्डन के लिए सभी लड़कियों पर नजर रखता था, जब मैंने अपने पहले साल के दौरान इसकी शिकायत की, तो मुझे बताया गया कि यह चौकीदार का काम है."
वॉर्डन पर उठ रहें सवाल
एक दूसरी लड़की ने बताया- "मैं अपने कॉलेज जा रही थी और मुझे चौकीदार ने बताया कि वॉर्डन मुझे बुला रही है, मैंने बिना आस्तीन का टॉप पहना हुआ था और मुझसे कहा गया था कि अगर मैं बाहर जाना चाहती हूं, तो मुझे एक दुपट्टा लपेटना होगा, चौकीदार ने बाद में मेरे दोस्तों से कहा कि मुझे बताओ कि मैं शादी के बाद ऐसे कपड़े पहन सकती हूं." घटना के बाद हॉस्टल में रह रही करीब 20 लड़कियों को अलग हॉस्टल में भेज दिया गया है. बाकी परीक्षा देकर घर चली गई थीं.
द क्विंट वॉर्डन वर्षा भंडारे तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है. उनकी प्रतिक्रिया मिलने पर इस कहानी को अपडेट किया जाएगा.
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