दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि हत्या, डकैती और हत्या के प्रयास के मामलों में दोषी ठहराए गए एक अपराधी को एक महिला से दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
एमसीडी कॉलोनी, समयपुर बादली निवासी सूरज उर्फ भगत (32) के रूप में पहचाना गया आरोपी कोविड महामारी के कारण पैरोल पर छूटा था। उसे गाजियाबाद के मोहन नगर इलाके के अर्थला गांव से गिरफ्तार किया गया।
विशेष प्रकोष्ठ के पुलिस उपायुक्त प्रमोद सिंह कुशवाह ने बताया कि सूरज ने एक महिला को विश्वास दिलाया कि वह काले जादू से उसकी मिर्गी का इलाज कर सकता है। हालांकि, उसने कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया।
उन्होंने कहा, महिला जब नशे की हालत में थी, तब उसने उसके साथ दुष्कर्म किया और बाद में मामले की रिपोर्ट करने पर उसे जान से मारने की धमकी दी। पुलिस आयुक्त ने उसकी गिरफ्तारी के लिए एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी गाजियाबाद में छिपा है। इसके बाद स्पेशल सेल के अधिकारियों ने जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
खूंखार अपराधी के अपराधों का खुलासा करते हुए कुशवाह ने कहा कि 2011 में सूरज समयपुर बादली के लुटेरे गौरव के संपर्क में आया और शहर के उत्तरी बाहरी इलाके में उसके साथ मिलकर झपटमारी और डकैती करने लगा।
ऐसी ही एक घटना में उसने समयपुर बादली क्षेत्र में एक महिला की सोने की चेन छीन ली, लेकिन उसी दिन सोने की चेन के साथ उसे गिरफ्तार कर लिया गया। वह करीब 2 महीने तक जेल में रहा और जमानत पर छूटने के बाद भी अपराध करता रहा।
सूरज ने 2-3 जून, 2012 की मध्यरात्रि को अपने सहयोगियों के साथ समयपुर बादली थाना क्षेत्र के मंगोलपुरी और मौर्य एन्क्लेव में डकैती, हत्या और हत्या के प्रयास जैसे अपराधों को अंजाम दिया।
उसने मंगोलपुरी के फर्नीचर मार्केट में बंदूक के दम पर एक मालवाहक वाहन के ड्राइवर और हेल्पर से कीमती सामान लूट लिया।
इसके बाद, उसी रात उसने एक और मालवाहक वाहन के ड्राइवर को लूट लिया। इसके बाद उसने साथियों की मदद से एक फैक्ट्री को निशाना बनाया, जहां उसने एक गार्ड की हत्या कर दी। कारखाने में तैनात अन्य गार्डो ने लूटपाट के प्रयास का विरोध किया और उन पर गोलियां चला दीं, जिससे वे भाग गए।
भागते समय उन्होंने पीतमपुरा में अपने लूटे गए वाहन से ओवरटेक कर एक अन्य ट्रक को रोका, चालक को लूट लिया और फिर उसे चाकू मार दिया। दिल्ली के पीतमपुरा के कोहाट एंक्लेव में मोटरसाइकिल सवार दो पुलिसकर्मियों ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो गैंग के सदस्यों ने उन पर भी हमला कर दिया।
हालांकि, पुलिस गश्ती दल ने एक आरोपी को मौके पर ही पकड़ लिया, जबकि सूरज और अन्य भाग गए, लेकिन अंतत: पकड़ लिए गए।
उनके खिलाफ मंगोलपुरी, समयपुर बादली और मौर्य एन्क्लेव थाने में तीन मामले दर्ज किए गए और सूरज को दोषी ठहराया गया। उसे 10 साल कैद की सजा सुनाई गई। उसे जून 2020 में पैरोल पर रिहा किया गया था, लेकिन उसने आत्मसमर्पण नहीं किया।
महामारी के दौरान पैरोल पर छूटे सूरज ने यूट्यूब देखकर काला जादू सीखने का दावा किया और काले जादू के माध्यम से विभिन्न बीमारियों के इलाज की पेशकश करके लोगों को धोखा देना शुरू कर दिया।
अगस्त, 2021 में उसने सीमापुरी में एक महिला का मिर्गी का इलाज काले जादू से शुरू किया, लेकिन उसे नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
उसकी धमकियों के बावजूद पीड़िता ने मामले की सूचना पुलिस को दी और उसके खिलाफ सीमापुरी थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया।
इस घटना के बाद सूरज ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अपना ठिकाना बदल लिया, लेकिन पुलिस के जाल में फंस गया।
--आईएएनएस
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)