क्राइम ब्रांच ने नागपुर (Nagpur) में करोड़ों की ठगी का खुलासा किया है. नागपुर पुलिस ने बताया कि एक डॉक्टर द्वारा एफआईआर की गई है जिसमें बताया गया कि पीएमओ और सीबीआई के नाम का इस्तेमाल कर अवैध तरीके से डॉक्टर से 4.5 करोड़ रुपए की ठगी की गई है. आरोपी की पहचान भी नागपुर पुलिस द्वारा कर ली गई है.
नागपुर पुलिस ने यह मामला नागपुर के सोशल मीडिया एक्सपर्ट के नाम से प्रख्यात अजित गुणवंत पारसे के खिलाफ दर्ज किया है. दरअसल नागपुर के नामी डॉक्टर मुरकुटे ने ठगी की शिकायत की थी, डॉ मुरकुटे से साढ़े चार करोड़ की ठग हुई.
जब क्राइम ब्रांच ने आरोपी पारसे के घर की तलाशी ली, तो पुलिस ने उसके घर से सीबीआई के लेटर हेड, बीजेपी के आला नेताओ के लेटर हेड, कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के लेटरपैड, सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालयों के स्टॉम्प, प्रधानमंत्री कार्यालय की फेक मेल आईडी, यहां तक की नागपुर के कई पुलिस स्टेशन के रबर स्टैम्प भी बरामद हुए.
डॉक्टर मुरकुटे ने पुलिस को बताया कि आरोपी अजित गुणवंत पारसे ने उन्हें कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के तहत रुपये उपलब्ध कराने और केंद्र सरकार से स्कूल के लिए पीएमओ से ग्रांट दिलाने के नाम पर पहले डेढ़ करोड़ रुपए वसूल किए फिर कुछ दिनों बाद आरोपी अजित ने सीबीआई के नाम से फर्जी वॉरंट डॉक्टर को भेजा, और सेटलमेंट के नाम पर और डेढ़ करोड़ रुपए वसूले और रकम मिलने के बाद वारंट रद्द होने का पत्र भी भेज दिया. ऐसा कर आरोपी ने कुल साढ़े चार करोड़ रुपये वसूले.
नागपुर पुलिस ने बतया कि ऐसे कई डॉक्टर्स के साथ आरोपी ने ठगी की है जिसका मुल्य 25 करोड़ से अधिक हो सकता है. आरोप यह भी है कि अजीत कई डॉक्टरों को मुंबई या फिर कई जगह घूमाने लेकर जाता था, वहां विदेशी लड़कियों को रूम में भेजकर वीडियो बनाकर सेक्सटॉरशन करता था और इन डॉक्टरों से करोड़ो रूपये ठगता था.
नागपुर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया कि आरोपी की पहचान हो चुकी है और वह अस्पताल में भर्ती है, इस वजह से अभी उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है.
इनपुट क्रेडिट- दिलिप कांबले
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