दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआई) द्वारा दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है जिसमें आयकर विभाग द्वारा कंपनी को दी गई नोटिसों को चुनौती दी गई थी. इसके साथ ही मामले में आयकर जांच का रास्ता साफ हो गया है.
वाईआई में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी मुख्य हितधारक हैं. यह मामला बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने वाईआई द्वारा एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) के अधिग्रहण में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. एजेएल नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली कंपनी थी. वाईआई कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है.
स्वामी का आरोप है कि कांग्रेस ने वाईआई को एजेएल को खरीदने के लिए असुरक्षित कर्ज दिया था.
न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर और न्यायमूर्ति चंद्रशेखर की एक पीठ द्वारा कंपनी को संबंधित आयकर आकलन अधिकारी से संपर्क करने के लिए कहे जाने के बाद कंपनी ने अपनी याचिका को वापस ले लिया. याचिका को वापस लिए जाने के बाद पीठ ने इसे औपचारिक रूप से खारिज कर दिया.
याचिका में वर्ष 2011-12 के निर्धारण वर्ष के संबंध में जनवरी और मार्च में वाईआई को भेजी गई दो आयकर नोटिसों को रद्द करने की मांग की गई थी. याचिका में अदालत से इन नोटिसों के आधार पर इसके खिलाफ आगे की कार्रवाई नहीं करने के लिए आयकर विभाग को निर्देश देने का आग्रह भी किया गया था. मामले में सोनिया और राहुल के अलावा कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, आस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और वाईआई आरोपी हैं.
बीजेपी मे कहा- जांच में सहयोग करें राहुल और सोनिया
दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए बीजेपी ने कहा है कि मामले के गंभीर आचार एवं नैतिकता संबंधी पहलू हैं. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी यदि जांच में आयकर अधिकारियों से सहयोग करें तो यह उनके हित में होगा.
कांग्रेस ने कहा यंग इंडिया गैर- लाभकारी कंपनी
कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने दिल्ली उच्च न्यायालय में मामले में आयकर विभाग के अधिकार क्षेत्र से संबंधित कुछ मुद्दे उठाए थे, लेकिन न्यायालय के निर्देश से 'संतुष्ट' होने के बाद उसने अपनी याचिका वापस ले ली. यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अधिकांश शेयर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा उपाध्यक्ष राहुल गांधी के पास हैं.
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “यंग इंडियन ने आयकर अधिकारियों के अधिकारों को चुनौती देने के लिए अधिकार क्षेत्र से संबंधित कुछ मूलभूत मुद्दे उठाए थे. दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने समक्ष याचिका के माध्यम से उठाए गए सभी मुद्दों पर आयकर अधिकारियों को फैसला लेने का निर्देश दिया. इससे संतुष्ट होने के बाद यंग इंडिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने खुद याचिका वापस ले ली.”
सुरजेवाला ने कहा, "संयोगवश, यंग इंडियन एक 'गैर लाभकारी' कंपनी है, जो केवल 'नेशनल हेराल्ड' समाचार पत्र का संचालन करती है, जो आजादी के आंदोलन का अंतिम अवशेष है, जिसने भारत की आजादी के संघर्ष में अपना योगदान दिया. कंपनी अधिनियम के हिसाब से कोई भी व्यक्ति इससे किसी भी तरीके से एक रुपये का भी लाभ या वेतन प्राप्त नहीं कर सकता."
कांग्रेस नेता ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हाथ धोकर कांग्रेस के पीछे पड़ने का आरोप लगाया.
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