ADVERTISEMENT

नवजोत सिद्धू की पत्नी को हुआ स्टेज 2 कैंसर, जेल में बंद पति को लिखा इमोशनल नोट

Navjot Singh Siddhu 1988 के रोड रेज डेथ केस में एक साल की जेल की सजा काटने के लिए पटियाला सेंट्रल जेल में बंद हैं.

Published
न्यूज
2 min read
नवजोत सिद्धू की पत्नी को हुआ स्टेज 2 कैंसर, जेल में बंद पति को लिखा इमोशनल नोट
i
Like
Hindi Female
listen

रोज का डोज

निडर, सच्ची, और असरदार खबरों के लिए

By subscribing you agree to our Privacy Policy

पंजाब कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) की पत्नी नवजोत कौर को स्टेज 2 इंवेसिव कैंसर है. उन्होंने अपने डाइग्नोसिस की खबर अपने ट्विटर हैंडल पर साझा की और लिखा, "वह (नवजोत सिंह सिद्धू) उस अपराध के लिए जेल में हैं जो उन्होंने नहीं किया है."

ADVERTISEMENT

नवजोत कौर ने लिखा है कि "हर दिन बाहर आपका इंतजार करना शायद आपसे ज्यादा तकलीफ देता है. हमेशा की तरह आपके दर्द को दूर करने की कोशिश करते हुए इसे शेयर किया है.

"आपका इंतजार किया, आपको बार-बार न्याय से वंचित होते हुए देखा. सत्य इतना शक्तिशाली है लेकिन यह बार-बार आपकी परीक्षा लेता है. कलयुग...सॉरी यह आपका इंतजार नहीं कर सकता क्योंकि यह स्टेज 2 खतरनाक कैंसर है. किसी को दोष नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि यह भगवान की योजना है."

ADVERTISEMENT

कांग्रेस पंजाब के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मुझे खेद है कि आपको सर्जरी करानी पड़ी. गनीमत रही कि समय पर इसका पता चल गया. आपके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.

नवजोत सिंह सिद्धू 1988 के रोड रेज डेथ केस में एक साल की जेल की सजा काटने के लिए पटियाला सेंट्रल जेल में बंद हैं. उन्हें 2018 में एक हाजर रुपये के मामूली जुर्माने के साथ छोड़ दिया गया था.

ADVERTISEMENT

किस मामले में सजा काट रहे हैं सिद्धू?

27 दिसंबर, 1988 को वे अपने एक दोस्त रुपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरावाले मार्केट में मौजूद थे और उस वक्त वो भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेल रहे थे और इस वजह से काफी चर्चित थे. शेरावाला मार्केट पटियाला में सिद्धू के घर से महज 1.5 किलोमीटर दूर थी.

मार्केट में पार्किंग को लेकर सिद्धू और उनके दोस्त के साथ 65 साल के गुरनाम सिंह से बहस हो गई थी. धीरे-धीरे यह बहस मारपीट में बदल गई और सिद्धू ने गुरनाम को घुटना मारकर गिरा दिया. इस घटना में गुरनाम सिंह जख्मी हो गए और अस्पताल ले जाने के बाद उनकी मौत हो गई थी.

इस मामले में सिद्धू के खिलाफ पटियाला पुलिस ने हत्या की FIR दर्ज की थी और बाद में 22 सितंबर, 1999 को ट्रायल कोर्ट ने सिद्धू और रुपिंदर बरी कर दिया था
  • इसके बाद साल 2002 में यह केस पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट पहुंचा और 2006 में दोनों को गैर-इरादन हत्या का दोषी माना गया और 3-3 साल की सजा के साथ 1-1 लाख रुपये जुर्माना लगाया.

  • साल 2007 में यह केस सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.

  • दिवंगत केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने सिद्धू की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में यह केस लड़ा था.

  • सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को बरी करते हुए सिद्धू पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया था. इस दौरान सिद्धू अमृतसर से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़कर सांसद बने.

  • सितंबर, 2018 में गुरनाम के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की.

  • 19 मई, 2022 को नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई गई.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
और खबरें
×
×