पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने कोर्ट में सरेंडर करने के लिए वक्त मांगा है. रोड रेज मामले में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कुछ "मेडिकल स्थितियों" का हवाला देते हुए अपने मुवक्किल को आत्मसमर्पण करने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा है.
सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी को एक उचित आवेदन पेश करने और CJI बेंच के समक्ष इसका उल्लेख करने के लिए कहा है. बता दें कि, रोड रेज मामले सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें एक साल जेल की सजा सुनाई है.
किस मामले में सिद्धू को काटेंगे जेल की सजा?
दरअसल, 27 दिसंबर 1988 को पटियाला के मार्केट में एक विवाद हुआ था. यह विवाद पार्किंग को लेकर था. बताया जाता है कि जब पीड़ित और उसके साथ दो अन्य लोग बैंक से पैसा निकालने के लिए जा रहे थे, उस समय सड़क पर जिप्सी खड़ी थी. जिप्सी को देखकर सिद्धू से उसे हटाने को कहा. इसको लेकर बहसबाजी शुरू हो गई.
पुलिस का आरोप था कि इस दौरान सिद्धू ने 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से मारपीट की थी और मौके से फरार हो गए थे. इसके बाद गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. इस मामले में गठित डॉक्टरों के बोर्ड ने गुरनाम सिंह की मौत का कारण सिर में चोट और दिल का दौरा पड़ने से बताया था.
इस मामले में सिद्धू पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज हुआ. सेशन कोर्ट में केस चला. 1999 में सेशन कोर्ट ने केस को खारिज कर दिया था. लेकिन, 2002 में पंजाब सरकार ने सिद्धू के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की.
दिसंबर 2006 को हाईकोर्ट ने सिद्धू और संधू को दोषी ठहराते हुए 3-3 साल कैद की सजा सुनाई. साथ ही 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.
सिद्धू ने ही हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू और संधू को सभी आरोपों से बरी कर दिया. हालांकि, कोर्ट ने रोड रेज मामले में सिद्धू पर 1 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. इसी फैसले पर पीड़ित पक्ष की तरफ से पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई है.
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