ADVERTISEMENTREMOVE AD

नेफ्यू रियो बने नागालैंड के मुख्यमंत्री, कैबिनेट में कौन-कौन शामिल, पूरी लिस्ट

Neiphiu Rio: नागालैंड में हुए चुनाव में एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन ने 37 सीटों पर जीत हासिल की है.

Updated
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

नागालैंड (Nagaland) में नेफ्यू रियो (Neiphiu Rio) ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है, बीजेपी-एनडीपीपी गठबंधन की जीत के बाद नेफ्यू रियो ने राज्य के पांचवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. नागालैंड में हुए चुनाव में एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन ने 37 सीटों पर जीत हासिल की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कोहिमा में नागालैंड सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए.

तदितुई रंगकौ जेलियांग और यानथुंगो पैटन ने नागालैंड के उपमुख्यमंत्रियों के रूप में शपथ ली है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और नागालैंड के राज्यपाल ला गणेशन, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए.

कैबिनेट में शामिल हुए 9 विधायक

जी काइतो आये (G Kaito Aye)

जैकब झिमोमी (Jacob Zhimomi)

केजी केन्ये (KG Kenye)

पी पैवांग कोनयाक (P Paiwang Konyak)

मेत्सुबो जमीर (Metsubo Jamir)

तेमजेन इम्ना अलोंग (Temjen Imna Along)

सीएल जॉन (CL John)

तेमजेन इम्ना (Salhoutuonuo Kruse)

पी बशांगमोंगबा चांग (P Bashangmongba Chang)

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बीजेपी गठबंधन के जीत के पीछे की वजह?

यूनाइडेट डेमोक्रेटिक अलायंस (UDA) में 40 सीटों पर चार बार के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो (Neiphiu Rio) की पार्टी एनडीपीपी और 20 सीटों पर बीजेपी ने अपने उम्मीदवार उतारे थे.

बीजेपी इस बार भी पिछले चुनाव के जितना ही 12 सीट जीत पाई है, लेकिन उसका वोट शेयर 15 फीसदी से बढ़कर करीब 19 फीसदी हो गया है. वहीं, बीजेपी की सहयोगी नेशनलिस्ट डेमोक्रैटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) ने 40 सीटों पर चुनाव लड़कर कुल 25 सीटों पर कब्जा किया है. जबकि साल 2018 में NDPP ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 18 पर जीत हासिल हुई थी. वहीं पिछले चुनाव में भी कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला था.

अब अगर बात करें कि एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन ने एक बार फिर कैसे कमाल किया तो उसका जवाब आसान शब्दों में कुछ प्वाइंट्स में समझते हैं और जानते हैं बीजेपी गठबंधन कैसे नागालैंड में कामयाब हो रहा है.

  • नागालैंड चरमपंथ और उग्रवाद का पीड़ित रहा है. 1995 से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) लागू है, मोदी सरकार ने साल 2022 में इसका दायरा कम करने का फैसला लिया था.

  • चुनाव से ठीक पहले गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि वह उम्मीद कर रहे हैं कि पूरे पूर्वोत्तर भारत से जल्द अफस्पा कानून हटाया जा सकता है.

  • बीजेपी गठबंधन की जीत की एक और अहम वजह है नेफ्यू रियो, चार बार से मुख्यमंत्री हैं. NDPP नेता और पूर्वोत्तर राज्य के सबसे लंबे समय तक रहने वाले मुख्यमंत्री. अलग-अलग पार्टी में रहे लेकिन लोगों ने उनका साथ नहीं छोड़ा. और बीजेपी को इनके साथ गठबंधन का फायदा हुआ.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×