राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 9 अक्टूबर को गुजरात के मुंद्रा अडानी पोर्ट (Mudra Adani Port) पर ड्रग्स की खेप की जांच के सिलसिले में देशभर में कई जगहों पर छापेमारी की. इसे लेकर एनआईए ने एक बयान में कहा,
"चेन्नई, कोयंबटूर, विजयवाड़ा में संदिग्धों के परिसरों की तलाशी ली गई. तलाशी के दौरान, कई अहम दस्तावेज, लेख और अन्य सामान जब्त किया गया."
मामला 16 सितंबर को गुजरात (Gujarat) के मुंद्रा पोर्ट पर राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI ) द्वारा 2,988.21 किलोग्राम हेरोइन की जब्ती से जुड़ा है. मामले को 6 अक्टूबर को एनआईए को ट्रांसफर कर दिया गया था.
अफगानिस्तान से ईरान के रास्ते भारत आया था ड्रग्स
हेरोइन (ड्रग्स ) दो कंटेनरों में पाई गई थी, जिन्हें "सेमी प्रोसेस्ड तालक पत्थर" बताकर मुंद्रा पोर्ट पर उतारा गया था. ये कंटेनर अफगानिस्तान से ईरान के बांदर अब्बास पोर्ट के जरिए आए थे.
एनआईए ने कहा कि गृह मंत्रालय के एक आदेश के बाद मामला दर्ज किया गया है. आईपीसी (IPC) और नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस (NDPS) अधिनियम की धाराओं के अलावा, एनआईए ने गैरकानूनी गतिविधियों की धारा 17 (आतंकवादी अधिनियम के लिए धन जुटाने की सजा) और धारा 18 (आतंकवादी अधिनियमों को अंजाम देने की साजिश के लिए सजा) जिसे UAPA भी कहा जाता है उसके अंतर्गत मामला दर्ज किया है.
एनआईए द्वारा दर्ज FIR में माचवरम सुधाकरन (Machavaram Sudhakaran), दुर्गा पीवी गोविंदराजू (Durga PV Govindraju) और राजकुमार पी (Rajkumar P) समेत अन्य को आरोपी बनाया गया है.
एनआईए (NIA) ने एक बयान में कहा, "मामला दर्ज होने के बाद, मामले की जांच के लिए कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी गई है"
सुधाकरन और गोविंदराजू चेन्नई के एक दंपति है और यह दोनों उस कंपनी के मालिक हैं जो प्रतिबंधित सामग्री की शिपिंग कर रही थी. गोविंदराजू फर्म का मालिक है जिसका नाम मेसर्स आशी ट्रेडिंग कंपनी जो कि आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में पंजीकृत है.
गोविंदराजू हसन हुसैन लिमिटेड नामक कंपनी से टैल्क (Talc ) का आयात कर रहा था. राजकुमार ईरान में काम करता था और कथित तौर पर "विदेशी सप्लायर के साथ मिलकर काम कर रहा था.
ड्रग्स मामले में अब तक नौ लोग गिरफ्तार
PIB की तरफ से जारी एक बयान के अनुसार अब तक इस मामले में चार अफगान और एक उज्बेक नागरिक सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. सभी गिरफ्तारियां डीआरआई (DRI) ने की हैं. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और ईडी (ED) भी मामले की जांच कर रहे हैं.
पिछले महीने गुजरात में एक विशेष एनडीपीएस अदालत ने डीआरआई (DRI) को यह जांच करने का निर्देश दिया था कि क्या खेप के आयात से "मुंद्रा अदानी पोर्ट, उसके प्रबंधन और उसके अधिकार को कोई लाभ हुआ है" इसकी जांच होनी चाहिए.
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