बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने सोमवार को स्पष्ट कहा कि हमलोग वैसे किसी आदमी को बिहार आने की इजाजत नहीं देंगे, जो शराब पीने की इच्छा रखते हैं. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर शराब पीना है तो बिहार मत आइए.
मुख्यमंत्री सासाराम के न्यू स्टेडियम फजलगंज में बिहार में पूर्ण नशामुक्ति, दहेज प्रथा एवं बाल विवाह उन्मूलन के लिए समाज सुधार अभियान के तहत एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सिर्फ विकास का काम करने से काम नहीं चलेगा, बल्कि समाज सुधार भी करना होगा. उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जी जब वर्ष 1977 में मुख्यमंत्री बने थे तो उन्होंने शराबंदी लागू किया, लेकिन दो वर्ष बाद फिर से शराब शुरू कर दिया गया.
मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा कि शराबबंदी के बाद से समाज में बड़ा परिवर्तन हुआ है. उन्होंने लोगों शराबबंदी को लेकर अभियान जारी रखने की अपील करते हुए कहा कि समाज में कुछ लोग गड़बड़ी करने वाले होते हैं, चाहे वे किसी भी धर्म के मानने वाले लोग हों. कितना भी अच्छा काम कीजिएगा, कुछ लोग तो गड़बड़ी करेंगे ही लेकिन हमलोगों को अभियान चलाते रहना है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत लोग कहते हैं शराबबंदी के कारण पर्यटक बिहार नहीं आएंगे. गड़बड़ करने वाले लोग अनाप-शनाप बयान देते रहते हैं. उन्होंने साफ लहजे में कहा कि हमलोग वैसे किसी आदमी को बिहार आने की इजाजत नहीं देंगे, जो शराब पीने की इच्छा रखते हैं. अगर शराब पीना है तो बिहार मत आइए.
उन्होंने महात्मा गांधी के बयान की चर्चा करते हुए कहा कि बापू ने कहा था कि शराब न सिर्फ आदमी का पैसा बल्कि बुद्धि भी खत्म कर देती है. शराब पीने वाला इंसान हैवान हो जाता है. अगर एक घंटे के लिए भी मुझे देश का तानाशाह बना दिया जाय तो मैं सभी शराब की दुकानें बंद करवा दूंगा.
मुख्यमंत्री ने दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ भी अभियान चलाते रहने की लोगों से अपील की.
उन्होंने कहा कि समाज सुधार के बिना विकास का कोई मतलब नहीं है. विकास के साथ समाज सुधार होगा तो समाज, देश और राज्य आगे बढ़ेगा.
--आईएएनएस
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)