उद्योग और कंपनी पर महामारी के गंभीर प्रभाव को रेखांकित करते हुए कंपनी के सह-संस्थापक एवं सीईओ भाविश अग्रवाल ने बुधवार को कर्मचारियों को लिखे एक ईमेल में कहा कि पिछले दो महीनों में ओला के राजस्व में 95 प्रतिशत की कमी आई है।
अग्रवाल ने अपने मेल में कहा, "इन परिस्थितियों में आज मैं आप सभी के लिए सबसे कठिन निर्णय लेते हुए लिख रहा हूं, जो हमने कभी नहीं लिया है। हमें अपने संगठन में कार्य बल कम करते हुए अपने 1400 कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ रही है।"
सीईओ ने कहा कि संकट ने पूरे भारत में और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लाखों साझेदार ड्राइवरों और उनके परिवारों की आजीविका को प्रभावित किया है।
हालांकि अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि छंटनी प्रक्रिया एक बार की कवायद होगी और इसके बाद कोरोना संकट की वजह से अन्य कटौती नहीं की जाएगी।
सीईओ ने कर्मचारियों को दिए गए अपने मेल में उल्लेख किया कि इस संकट के कारण नकदी को संरक्षित करने की आवश्यकता है, ताकि हम भविष्य में इसे विभिन्न अवसरों पर निवेश करने में सक्षम हों।
अग्रवाल ने कहा कि कर्मचारियों की छंटनी के साथ कंपनी ने उनके हितों को भी ध्यान में रखा है। ऐसे में सभी प्रभावित कर्मचारियों को कंपनी की ओर से तीन महीने का अग्रिम वेतन दिया जाएगा। लंबे समय से कंपनी से जुड़े कर्मचारियों को थोड़ा अधिक भुगतान किया जाएगा।
इसी प्रकार एक वर्ष से कम समय तक जुड़े कर्मचारियों को भी ईएसओपी योजना का लाभ दिया जाएगा। कंपनी प्रभावित कर्मचारियों का पूरा सहयोग करेगी।
अग्रवाल ने कहा कि कंपनी ने प्रभावित कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए किए गए चिकित्सा बीमा कवर को बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2020 तक कर दिया है। कर्मचारियों को इस तारीख तक बीमा पॉलिसी का लाभ मिलता रहेगा।
इसी तरह सभी प्रभावित कर्मचारियों के माता-पिता के लिए भी चिकित्सा बीमा दिया जाएगा। इसके तहत 90 साल की आयु तक उनके माता-पिता की सभी बीमारियों के लिए दो लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाएगा। इससे प्रभावित कर्मचारियों को थोड़ी राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से प्रभावित कर्मचारियों को नई नौकरी दिलाने में भी मदद की जाएगी। इसके लिए कंपनी के अधिकारी अन्य कंपनियों से संपर्क करेंगे।
--आईएएनएस
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)